hi
Bhabhi SexDesi Bhabhi SexHindi Desi SexHot girlKamuktaNangi LadkiOral Sex

रिश्ते में भाभी ने चूत गांड चुदवाकर चूत दिलाई

देसी भाभी चुदाई कहानी हमारे घर आई एक मेहमान भाभी के साथ सेक्स की है. वे मुझे ही देख रही थी तो मैं समझ गया कि मामला गर्म है. फिर भाभी कैसे चुदी?

दोस्तो, मेरा नाम अरमान ख़ान है. मैं दिल्ली से हूँ. मेरी उम्र 23 साल की है और मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लंबा है.

एक बार मेरे घर मेहमान आए हुए थे. मुझे पता नहीं कि वे कौन थे.
जब मैंने अम्मी से पूछा, तो पता चला कि वे मेहमान रिश्ते में मेरे भाई और भाभी लगते हैं.

यह इन्हीं देसी भाभी चुदाई कहानी है.

मैं भाभी के बारे में आप लोगों को बता देता हूँ.
भाभी दिखने में बहुत ही हॉट एंड सेक्सी माल थीं. उनकी जितनी तारीफ की जाए … कम नहीं होगी.

मैंने नोटिस किया कि वे मुझे ही देख रही थीं.
कुछ देर बाद मेरी उनसे सिर्फ़ हाय हैलो ही हो पाई.
उसके बाद वे लोग चले गए.

फिर पता नहीं उनको मेरा नंबर किधर से मिल गया, उनका रात को एक मैसेज मेरे व्हाट्सैप पर आया.
मैंने देखा कि ये मैसेज किसी नए नंबर से आया है तो मैंने उत्तर देते हुए पूछा- हैलो … आप कौन?
भाभी ने अपने बारे में मुझे बताया.

मैं एकदम से चकित रह गया कि इनके पास मेरा नंबर कैसे आ गया.
उन्होंने बताया कि तुम्हारी अम्मी ने दिया था.

फिर उनसे मेरी बात होने लगी.
यह सिलसिला रोज़ चलने लगा.
हर बार उनकी तरफ से ही मैसेज की शुरुआत होती थी.

मैं समझ गया कि भाभी मुझमें कुछ ज्यादा ही रुचि ले रही हैं.

अब व्हाट्सैप पर हम लोगों के बीच मज़ाक भी होने लगा.
मजाक मजाक में कुछ अश्लील बातें भी होने लगीं.

फिर एक दिन भाभी बोलीं- आप घर पर आओ.
मैंने कहा- खिलाओगी क्या?
वो बोलीं- जो भी खिलाऊँगी, बड़े प्यार से खिलाऊंगी.

मैं उनके घर पर गया.
उस समय उनके घर पर कोई नहीं था.
उनके पति अपनी जॉब पर गए थे. घर में अकेली भाभी ही थीं.

भाभी से बहुत सी बातें हुईं.

अचानक से बातों बातों में भाभी मुझसे बोलीं- तुम फोन पर तो बहुत अच्छी बातें करते हो, लेकिन सामने से कुछ नहीं बोलते हो. तुम बहुत शर्माते हो … सच में!
मैंने कहा- हां भाभी आप मेरी शर्म खत्म कर दीजिए.
वे मुस्कुरा कर रह गईं.

भाभी ने मेरे लिए शानदार डिनर का इंतजाम कर रखा था.
फिर खाना आदि खाकर मैं वापस चला आया.

उसके तीन दिन बाद भाभी ने मुझे फिर से बुलाया.

अबकी बार मैं उनके घर गया और भाभी ने जैसे ही दरवाज़ा खोला, मैं हक्का बक्का रह गया.
भाभी क्या मस्त माल लग रही थीं. उन्होंने जो ड्रेस पहन रखी थी, उसमें वो एकदम हॉट आइटम लग रही थीं.

मैं उनके घर में दाखिल हुआ और उनसे हैलो बोला.
भाभी ने बड़ी अदा से हैलो कहा.

मैं हतप्रभ था कि माजरा क्या है. आज मेरे ऊपर बिजली गिरने वाली है क्या?

फिर मैं बैठा भाभी भी मेरे ही पास बैठ गईं.
उनसे बातों का दौर शुरू हो गया.

बातों ही बातों में मैंने उनसे पूछ लिया- भाभी आप बुरा मत मानना … मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि क्या आप मुझे पसंद करती हैं?
उन्होंने कहा- हां तुम बहुत स्मार्ट हो, तुमको जब मैंने पहली बार देखा था, मुझे तुम बहुत अच्छे लगे थे.

मैंने कहा- भाभी जी, आप भी बहुत हॉट हो और मुझे बहुत पसंद हो.
वो कातिल निगाहों से मुझे देखने लगीं.

उनकी नशीली आंखें मुझे उन पर टूट पड़ने का हौसला दे रही थीं.

फिर मैं उनके सोफ़े पर ही उनसे सट कर बैठ गया.
वे मुझे मादक भाव से देखने लगीं.

मैंने उसी पल उनका हाथ अपने हाथों में ले लिया और कहा- भाभीजान, आई लव यू.
वो भी लरजते होंठों से बोलीं- आई लव यू टू.

मैंने कहा- भाभी, मुझे आपको किस करना है.
वो बोलीं- मैंने कब मना किया है … करो.

मैंने अपने होंठ आगे बढ़ा दिए और भाभी ने मेरे होंठों का स्वागत करते हुए अपने होंठ मेरे होंठों के करीब कर दिए.

अगले ही पल हम दोनों के होंठ जुड़ गए और बहुत ही बेताबी से हम दोनों के बीच चूमाचाटी चलने लगी.
ये किस इतना लंबा था कि दस मिनट तक हम दोनों होंठों का रस पीते रहे.

उसी दौरान भाभी ने अपनी जीभ भी मेरे मुँह में ठेल दी थी जिसे मैंने पूरी शिद्दत से चूसा.
फिर मेरी जीभ को भी भाभी ने अपने मुँह में लेकर खूब चूसा.

दोस्तो, मेरा मानना है कि जीभ का चूसना लंड चूत की चुदाई से ज्यादा नशीला होता है.

अब तक हम दोनों के जिस्म सुलग उठे थे.
मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए.

मेरा लंबा लंड देख कर वो पागलों की तरह उस पर टूट पड़ीं और मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.

दस मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उन्हें अलग किया और उनको लिटा कर उनके मम्मों का रस पिया.

उनके बूब्स इतने मस्त थे कि एकदम किसी बिना चुदी लौंडिया के दूध हों, एकदम सफेद और कसे हुए.
भाभी के मम्मों के गुलाबी निप्पल मुझे हद से ज्यादा पागल बना रहे थे.

उसके बाद भाभी ने मेरे सर को मम्मों से हटा कर हल्की सी आवाज में कहा- नीचे भी चूसने की जगह है मेरे बाबू.
मैं समझ गया कि भाभी को चूत चटवाने का मन है.

फिर जब मैंने भाभी की चूत को देखा तो देखता ही रह गया.
इतनी मस्त फूली हुई चूत थी कि क्या ही लिखूँ!

एकदम गुलाबी और गदराई सी चिकनी सफाचट चूत ने मेरे होश ही उड़ा दिए थे.

मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में कर दी.
वे तड़प गईं और बोलीं- आह प्लीज चोद दो मुझे … प्लीज फक मी.

मैंने भी देरी नहीं की, जल्दी से उनकी चूत पर अपने लंड को सैट किया और धक्का दे दिया.

पहले धक्के में ही मेरा लौड़ा 2 इंच अन्दर घुस गया.
भाभी तड़प उठीं और उन्होंने मुझे रुकने को बोला.
मगर मैं नहीं रुका.

मैंने फिर से हल्का सा धक्का मार दिया तो मेरा आधा लंड अन्दर सरक गया.
भाभी के आंसू निकलने लगे, वे तड़पने लगीं.

मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उनके बदन से खेलने लगा, अपने मुँह से भाभी का एक निप्पल पकड़ कर चुभलाने लगा.
भाभी को धीरे धीरे राहत हुई.

अब मैंने एक बार में ही दर्द का झंझट खत्म करने की तय कर ली और दोनों टांगों और हाथों पर अपने शरीर का पूरा वजन लेते हुए मैंने डिप्स लगाने के अंदाज में एक जोरदार धक्के में अपना पूरा लंड भाभी की चूत में पेल दिया.

उनकी हालत खराब हो गई, वे चिल्ला उठीं.
मगर फिर खुद ही अपने होंठ भींच कर आवाज को कंट्रोल में किया.

मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में किसी कॉर्क के ढक्कन की तरह फिट हो गया था.

कुछ देर बाद लौड़े ने अपनी जगह बना ली और भाभी नॉर्मल हो गईं.

अब वो अपनी गांड हिलाती हुई बोलीं- अब क्या ऐसे ही पड़े रहोगे बाबू … चोदो ना मुझे!
मैंने झुक कर उनके होंठों को चूमा और धकापेल मचा दी.

एक बार जो शंटिंग शुरू हुई तो बिना रुके 20 मिनट तक मैंने उनकी चूत की चुदाई की.
उनकी चूत एकदम लाल हो गई थी.

भाभी इस दौरान सो बार झड़ चुकी थीं और मुझे रोकने की कोशिश कर रही थीं.
मैं मदमस्त हाथी की तरह भाभी को रौंदता रहा.

जब मैं देसी भाभी चुदाई करके रुका तब भाभी ने कराहते हुए स्वर में कहा- बाबू, क्या आज ही फाड़ दोगे. कल भी आना है ना!
मैंने कहा- मैं झड़ा नहीं हूँ भाभी!

उन्होंने कहा- बाहर निकालो, मैं ओरल सेक्स का मजा देती हूँ.
मैंने उनकी चूत से लंड खींच लिया और भाभी उठ कर बैठ गईं.

उसके बाद भाभी ने मेरा लंड चूसा और मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
उस दिन मैंने उनको तीन बार चोदा.

उसके बाद मैंने भाभी से कहा- मुझे आपकी गांड भी मारनी है.
वे मना करने लगीं कि आज नहीं … बाद में कर लेना.

मगर मेरे बहुत कहने पर वे मान गईं और मैंने अपने लौड़े व उनकी गांड पर खूब सारा सरसों का तेल लगाया और उनकी गांड के छेद अपना लंड सैट कर दिया.

मैंने पेलने की कोशिश की लेकिन नहीं गया.
अब मैंने पहले भाभी की गांड में उंगली की जिससे वो कुछ ढीली हो गई, उसके बाद लंड सैट किया और धक्का दे मारा.

अभी सिर्फ़ लंड की टोपी ही अन्दर गई थी कि भाभी की चीख निकल गई- आह बाबू प्लीज रहने दो … उधर नहीं हो पाएगा.
मैंने कहा- जब छेद है तो क्यों नहीं जाएगा. आप रूको जरा!

फिर मैंने कुछ और तेल टपकाया व हल्के हल्के से लंड अन्दर जगह बनाता गया.
तब मैंने एकदम से धक्का मारा, तो मेरा आधा लंड अन्दर घुस गया.
वे चीख उठीं.

मैंने उनका मुँह बंद किया और लंड पेलने लगा.
वे रोने लगीं.

मैं रुक गया.
मेरे लौड़े में भी दर्द हो रहा था.
सच में भाभी की गांड का छेद बहुत टाइट था.

कुछ मिनट बाद मैंने फिर से तेल टपकाया और भाभी ने भी दर्द बर्दाश्त किया.
लंड गांड में चलने लगा.

कुछ मिनट तक गांड मारने के बाद मैं भाभी की गांड में ही स्खलित हो गया.
भाभी बहुत खुश थीं लेकिन वे सही से चल भी नहीं पा रही थीं.
मैं उनको वॉशरूम लेकर गया.

फिर हम दोनों रोज़ इसी तरह से चुदाई करने लगे थे.
फिर भाभी मुझे अपनी अम्मी के घर लेकर गईं.

मैं वहां में सबसे मिला और मुझे बहुत अच्छा लगा.
उधर भाभी की एक बहन भी थी.

वह भाभी से छोटी थी पर बहुत हॉट लग रही थी.
उसके बूब्स मस्त कमर पतली, साली ने खुद को बहुत मेंटेन करके रखा था.

भाभी ने मुझे मेरा रूम दिखाया.
मैं रूम में सोचता रहा कि भाभी की बहन को कैसे चोदूं; साली बहुत मस्त माल थी.

मैंने भाभी को मैसेज किया- मेरे रूम में आओ ना … बोर हो रहा हूँ.

तो भाभी और उनकी बहन दोनों कमरे में आ गईं.
हम लोग लूडो खेलने लगे.

भाभी ने बोला- जो फर्स्ट आएगा तीनों में … वो बाकी दो जनों को डेयर देगा.
मैंने बोला- ओके, अब तो मुझे ही जीतना है.
मैंने भाभी को आंख मारी और मैं जीत गया.

भाभी बोलीं- तुम पहले किसको डेयर दोगे?
मैंने कहा- आप बताओ!

वे बोलीं- किसी भी तरीके का डेयर दे सकते हो, कोई प्राब्लम नहीं. हम सब फ्रेंड्स हैं. दोस्तों में सब चलता है.

मैंने कहा- ओके भाभी, तो आप अपनी बहन के साथ न्यूड होकर डांस दिखाओ
उनकी बहन ने मना कर दिया.

फिर भाभी ने उससे कहा तो वह मान गई.

उन दोनों ने अपने कपड़े खोल दिए और डांस किया.
भाभी बोलीं- तुम भी आओ बाबू!

मैंने भी कपड़े खोल दिए और उनके साथ नाचने लगा.
मेरा लंबा लौड़ा देख कर भाभी की बहन शर्मा गई.

भाभी मुझसे होंठों वाली चुम्मी लेने लगीं.
उनकी बहन हम दोनों को देख रही थी.

भाभी बोलीं- तुम भी आओ.
मैंने भी आओ कहा तो वह आ गई.

तब मैंने उसको किस किया, उसके बूब्स पिए.
तो वो तड़प गई और अपनी चूत में उंगली करने लगी.

मैंने कहा- जब लंड है, तो उंगली क्यों?
वो हंसने लगी.

मैंने उसको बेड पर लिटाया ओर उसकी चूत पर लंड सैट कर दिया.

भाभी ने भी उसकी चूत पर किस किया और मुझे बोलीं- फाड़ दे इसकी भी, जैसी मेरी फाड़ी थी.

मैंने देरी ना लगाते हुए भाभी की बहन की चूत में आधा लंड पेल दिया.
वह चीख पड़ी.

भाभी बोलीं- आराम से यार … तुमने सच में फाड़ दी!

वह रोने लगी तो मैं रुक गया.

फिर मैंने आराम आराम से धक्के मारे, तो उसकी चूत से हल्का हल्का खून आने लगा.
भाभी ने खून साफ कर दिया.

फिर मैंने उसको काफी देर तक नॉनस्टॉप पेला.

अब वे दोनों मेरे लौड़े की फैन हो गई हैं.
मैंने दो दिन तक भाभी के मायके में उनकी बहन की जमकर चुदाई की.
सच में मज़ा आ गया.

अब जब भी मौका मिलता है, मैं उन दोनों को एक साथ लिटा कर चोद देता हूँ.

भाभी की बहन बहुत मुझसे मस्ती से अपनी चूत चुदवाती है.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी देसी भाभी चुदाई कहानी? आप मेल जरूर करना.
[email protected]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

please remove ad blocker