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घरेलू नौकरानी की वासना- 3

Xxx मेड फक स्टोरी में मैंने बताया है कि कैसे मेरी सेक्सी नौकरानी ने मुझसे सेक्स की इच्छा जाहिर की. तो मेरी बीवी के मायके जाने पर मैंने उसे अपने घर में खूब मजे से चोदा.

कहानी के दूसरे भाग
भाई ने चोद दिया खेतों में
में आपने पढ़ा कि मेरी नौकरानी मुझसे सेक्स का मजा लेना चाह रही थी. उसी सिलसिले में उसने मुझे अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई.

मन तो कर रहा था कि अभी साली को नीचे लिटाकर उसकी चूत को अपने लंड से मसल दूं.
पर फिर ख्याल आया कि यह समय सही नहीं है, इसका पति आता होगा और अब ये कहां जायेगी.
बस यही सोचकर मैंने बीना को अपने से अलग किया, अपने कपड़े ठीक किये और बाहर आ गया.

अब आगे Xxx मेड फक स्टोरी:

बीना- साहब क्या हुआ?

मैं- कुछ नहीं बीना … इतनी जल्दबाजी में ये सबकुछ … मुझे अच्छा नहीं लगता यार … जब तक इत्मीनान से तुम्हारी मुनिया को प्यार ना करूं … और ये वक्त सही नहीं है …

बीना- साहब आपने तो मेरे अन्दर की ज्वाला को और भड़का दिया है साहब … मेरी मुनिया तो अब आपके मस्तराम में खो जाने को बेकरार है … आपने देख ही लिया है मेरी मुनिया को जो पुकार पुकार कह रही है आ जाओ मुझमे समा जाओ … आओ ना साहब … चोद दो मुझे, फाड़ दो मेरी इस चूत को … मुझे अपना बना लो साहब … मैं कब से प्यासी हूँ। साहब अब देर ना करो … आ जाओ …

मैं- बीना, मेरी डार्लिंग, मेरी जान … अभी ये वक्त सही नहीं है कोई भी आ सकता है … तुम चिन्ता ना करो मैं कोई प्रबन्ध करता हूँ … मेरी जान अब तो तुम मेरी हो, तुम्हारे साथ पूरी सुहागरात मनाऊंगा मेरी जान … तुमने भी मुझे पागल कर दिया है … में भी कितना पागल था जो अब तक ऐसी हसीन परी से नावाकिफ था … अच्छा अब चाय पिलाओ … बहुत देर हो गयी है और तुम्हारा बेवड़ा मर्द भी आता होगा …

बीना- साहब अब मैं तुम्हारी हूँ आप जहां चाहे, जब चाहे मुझे बुला लेना … अब से मैं आपकी दासी हूँ … एक बार फिर से मुझे आलिंगन में लेकर कहा … हां साहब, आप सही कह रहें … मैं चाय लाती हूँ।

चाय पीते पीते ही उसका मर्द रमेश घर आ गया रोजाना की तरह शराब पीये हुए!
जैसे ही उसने मुझे देखा, उसका थोड़ा नशा उतर गया।

रमेश हाथ जोड़कर नमस्कार करते हुए- साहब … साहब क्या बात है आज इस समय आप यहां?
मैं- रमेश, मुझे तुम्हारी शिकायत मिली है कि तुम रोजाना शराब पीकर आते हो और फिर बीना से मारपीट करते हो.

“नहीं साहब, मैं तो थोड़ी सी दारू पी लेता हूं बस … मेरे दोस्त पिला देते हैं.”

मैंने गुस्से से रमेश की ओर देखा और उससे कहा- अगर तुमने शराब पीने की आदत नहीं छोड़ी ओर बीना को दुबारा मारा तो तुम्हारे खिलाफ पुलिस में शिकायत करूंगा।

मेरी धमकी सुनकर रमेश का रहा सहा नशा भी उतर गया, वह मेरे पैरों पर गिर गया- साहब … पुलिस में शिकायत मत करना … अब से मैं नहीं पीयूंगा। साहब मुझे माफ कर दो!
गिड़गिड़ाता हुआ वह मुझसे माफी मांगने लगा.

मैंने बीना की ओर देखा, उससे कहा- अब कल यदि रमेश शराब पीकर आये तो मुझे बताना!
रमेश मुझसे बार बार माफी मांग रहा था।

मैंने उसे उठाया और समझाया कि शराब से पैसे और शरीर दोनों की ही बरबादी है।
उसे समझाया … और बीना की ओर आंखों ही आंखों में लव यू का इशारा करके मैं वापिस आ गया.

घर पहुंचकर रीतिका ने मुझसे पूछा- अनुराग क्या हुआ … बीना के यहां गये और उसके शराबी पति को अच्छे से समझाया या नहीं?
मैं- रीतिका, मैंने आज बीना के पति रमेश को अच्छी तरह से समझा दिया है. अब वह उसको तंग नहीं करेगा. अगर दुबारा उसने बीना पर हाथ उठाया तो मैं उसकी पुलिस कम्पलेंट कर दूंगा।
रीतिका- अच्छा हुआ अनुराग, चलो अब बेचारी सही से रह सकेगी।

अगले दिन सुबह जब बीना आयी तो हमारी धर्मपत्नि रीतिका जी मंदिर गई हुई थी.

बीना आज काले रंग की साड़ी पहन कर आई थी, सांवले रंग की बीना पर काली साड़ी एक दम परफैक्ट लग रही थी.

आते ही वह मेरी पैरों में पड़ गयी- साहब जी, आपने तो मेरी सारी समस्या ही हल कर दी है. अब से मैं आपकी दासी हूँ।
मैंने बीना को उठाया और कहा- नहीं यार बीना, तुम मेरी दासी नहीं हो, तुम तो अब मेरी प्यारी बीना रानी हो, मेरी प्यारी सी माशूका हो!

ऐसा कहकर मैंने बीना को अपने गले से लगा लिया और अपने होंठों से उसके होंठों को एकदूसरे में मिला लिया.

उसका आलिंगन ऐसा लग रहा था जैसे कोई अप्सरा मुझसे लिपटी हुई हो.
मैं अपने हाथों से उसके दोनों मदमस्त चूचों को दबाने लगा.

उसकी आह … आह … की आवाज मेरे दिल को घायल कर रही थी.
मैंने धीरे से उसके कान में कहा- बीना डार्लिंग, मेरा मस्तराम भी तुम्हारी मुनिया में उतर जाने को बेकरार है.
वह भी मेरे कान में बोली- साहब, मैंने कब मना किया है, जब चाहो चढ़ जाओ, और फहरा दो अपना झंडा!

मैंने भी हंसते हुए कहा- अच्छा जी, चलो ठीक है झंडा फहराने का जुगाड़ करते हैं।

गर्मियों के दिन थे, बच्चों की स्कूल की छुटिटयां हो गयी थी.
रीतिका मुझसे बोली- 2-4 दिन के लिए मम्मी पापा से मिल आती हूँ. बहुत दिन से जाना नहीं हुआ है.
मैंने भी तुरंत हामी भर दी.

अगले ही दिन मैंने रीतिका और दोनों बच्चों के टिकट करा दिये.

उसी दिन की फ्लाईट से रीतिका और मेरे दोनों बच्चे अपने नाना नानी से मिलने बैंगलोर चले गये.
और मुझे अब बीना के साथ सुहागरात मनाने का पूरा मौका मिलने वाला था.

मैंने उसी दिन बीना से फोन पर बात की- बीना डार्लिंग … कल से तुम और मैं 2-3 दिन खूब मस्ती करेंगे.
बीना भी यह सुनकर चहक उठी- मैं तो कब से इस इंतजार में थी कि कब आप मुझ पर अपनी कृपा करेंगे. मेरी मुनिया कब से प्यासी है साहब, साहब सच्ची में जब से आपको देखा है, मैं तो तभी से रोज रात को आपको महसूस करती हूँ साहब!

मैं- बीना, रीतिका 2-3 दिन के लिए अपने मायके गयी है. इन 2-3 दिनों में हम दोनों खूब मस्ती करेंगे।
बीना- सच में, साहब … मैं तो कब से इस दिन के इंतजार में थी.

मैंने अगले दिन आफिस से दोपहर तक की छुट्टी ले ली और बीना को भी समझा दिया कि कल उसके साथ सुहागरात मनानी है.

बीना बहुत ही खुश थी.

वह रोज की तरह ही सुबह घर आई और आते हुए मुझसे लिपट गई- साहब लो … आपकी बीना, आपकी दासी हाजिर है आपकी सेवा में! जो चाहो कर लो … आज मुझे अपने अंदर समा लो साहब … मैं कब से प्यासी हूँ!

बीना ने आज पीले रंग का कुर्ता और सफेद रंग की लैगिंग पहनी हुई थी, माथे पर एक गोल बिंदी लगाई हुई थ.
सांवले से उसके चेहरे पर आज एक अलग ही चमक दिखाई दे रही थी Xxx मेड फक का मजा जो लेने आई थी.

उसके शरीर का आकर्षण ऐसा था जैसे मुझे निमन्त्रण दे रहा हो कि आ जाओ और मुझमें समा जाओ.

मैंने भी आज सोच ही लिया था कि आज इस हुस्न की सवारी कर ही ली जाये.

तब मैंने बीना को अपने बाहुपाश में बांध लिया और उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिये और उसके माथे पर, उसके गाल पर, उसके गले पर न जाने कितने ही चुम्बनों की बौछार कर दी.

वह भी पागलों की तरह मुझे चूमे जा रही थी.
ऐसा लग रहा था मानो दो प्रेमी कितने दिनों बाद आज मिल रहे हों.

हम दोनों ही इतने मदहोश थे कि न जाने कब हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिये.

बीना केवल ब्रा-पेंटी में रह गयी और मैं केवल अण्डरवियर में … बीना भी एक खिलाड़ी की तरह खेल रही थी.

पता नहीं यारो … मुझे इतना मजा कभी अपनी पत्नि रितिका के साथ नहीं आया था जितना मजा आज बीना के साथ आ रहा था.

बीना अण्डरवीयर के उपर ही मेरे पप्पू को चूस रही थी.
उसका बदन बड़ा ही गठा हुआ था … एक अजीब सी खुशबू मेरी नाक में भर रही थी.

मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया … उसके दोनों बूब्स अब मेरे हाथों में थे.
तब मैंने बारी बारी से उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और अपने एक हाथ से उसकी पेंटी को भी उसके शरीर से अलग कर दिया.

उसकी फूली हुई चिकनी चूत बड़ी मस्त दिखाई दे रही थी.

मैं उसके बूब्स को लगातार चूसे जा रहा था जिस कारण उसके मुख से आह … आह की आवाजें आ रही थी- आह साहब … चूसो … आह … उह … उ … साहब … चूसो ना ऐसे ही … आह … आह … साहब … मजा आ रहा है … चूसो, काटो … आह!

मैंने उसे अपने बिस्तर पर लिटाया और अब उसकी चूत को चूसने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी बुर को चूसना शुरू किया, वह पागल सी हो गयी … उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ लिया- आह … ऐ … उउउउ … साहब क्या कर दिया … आह … उउ!
.
मैं उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से रगड़ रहा था … अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था.

अचानक ही बहुत सारा उसका गर्म लावा मेरे मुंह में भर गया.
वह स्खलित हो चुकी थी.
पर फिर भी मैं उसके दाने को, उसकी चूत को चूसता रहा.

वह पागलों की भांति मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी.
उसके मुंह से लगातार … आह … उफ … उह … आह … उफ … उह … की आवाजें लगातार आ रही थी.

हमें लगभग आधा घण्टा हो गया था.

हम एक दूसरे में इस प्रकार खोए हुए थे जैसे पहली बार कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिल रहा हो!
जबकि हम दोनों ने ही सैक्स का आनंद लिया हुआ था.

पर उसके शरीर में ऐसी कशिश थी कि जैसे मैं पहली बार ही ऐसे उन्मुक्त सैक्स का आनन्द ले रहा हूँ.

सच में दोस्तो, इतना मजा तो मुझे कभी रितिका के साथ भी नहीं आया जितना मजा बीना के शरीर के साथ आ रहा था.

बीना भी लगातार मेरा साथ दे रही थी.

मैंने उसे पलंग पर बैठाया और अपना लंड उसके मुँह से लगा दिया.
वह भी एक कुशल खिलाड़ी की तरह मेरे लंड को अपने मुंह में ले गई और लोलीपोप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी.

सच में ऐसा मजा जिन्दगी में मुझे पहले नहीं आया था … वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी मानो कोई टाफी चूस रही हो या कोई चाकलेट चूस रही हो.

मैं बीना से बोला- बीना डार्लिंग, तुम तो बहुत मस्त लंड चूस रही हो … क्या किसी ओर का भी ऐसे चूसा था?
वह बोली- कहां साहब, पहली बार ही मैंने लंड चूसा है. साहब, मेरी एक सहेली ने कुछ दिन पहले एक इंगलिश फिल्म दिखाई थी जिसमें एक गोरी मेम एक मोटे तगड़े आदमी के लंड को ऐसे ही चूस रही थी. बस वहीं से मैंने भी सीख लिया. साहब बताओ … मजा आ रहा है ना?

“हाँ बीना जान … मजा ही आ गया आज तो! तुम मेरी रानी हो गयी हो अब तो … आह … उह … चूसो डार्लिंग चूसो ऐसे ही … बीना … पर मेरा आने वाला है!”

बीना- साहब, निकाल दो मेरे मुंह में ही … बड़ा ही मस्त माल है आपका … आज से मैं आपकी … जो चाहो करो.

मैंने अपना सारा माल उसके मुंह के अंदर ही निकाल दिया.
ए.सी. में भी हम दोनों पसीनों से तरबतर थे एकदम आदम जात!

मेरा वीर्य उसके मुंह में, उसके माथे पर, उसके बदन पर थोड़ा थोड़ा गिर गया था.
पर उसने अपनी अंगुली से सारा वीर्य अपने मुंह में डाल लिया और पी गई.

आज बीना ने मेरे दिल के अरमानों को पूरा कर दिया था.
मेरी बड़े दिन से इच्छा थी कि मैं अपना माल किसी के मुंह में निकालूं.

मेरी घर वाली रितिका ने मेरे लंड को कभी अपने मुंह में नहीं लिया था.

मैं उससे बड़ी विनती करता था पर वह यह कहकर टाल देती थी कि उसे उल्टी हो जायेगी.

आज बीना ने मेरी वर्षों की तमन्ना को पूरा कर दिया.

अब मैंने उसे उठाया और दुबारा से उसका अलिंगन कर उसे फिर से चूमने लगा, दुबारा से उसकी चूचियों को चूसने लगा.

मेरे लंड में दुबारा से उफान आना चालू हो गया था.

मैंने फिर से बीना को बैड पर लिटाया और फिर से उसकी चूत को चूसने चाटने लगा.

वह फिर से आह … उह … करने लगी.
वो बोली- साहब आ जाओ … अपने घोड़े को उतार दो अब!

मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत के दरवाजे पर लगाकर एक जोरदार झटका मारा और सारा लण्ड एक बार ही ही उसके दरवाजे को चीरता हुआ उसके अंदर घुस गया.
वह चिल्लाई- मार डाला साहब … आह!

उसकी आवाज उसकी गले में ही फंस गई थी- आह … आह … मर गई!

बीना की चूत अभी भी काफी टाईट थी.
मेरा लण्ड भी ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी पाईप में घुस गया हो.

उसकी चूत की कसावट ने मेरे लण्ड को भी घायल कर दिया.
पर इस बात की परवाह ना करते हुए मैंने अपने लण्ड को सरपट उसकी चूत में दौड़ाना चालू कर दिया.

वह भी अब उछल उछल कर लण्ड का मजा लेने लगी थी- आह साहब, आज बरसों बाद ऐसा सुख मिला है … आह … आज आपने मेरी मनोकामना भी पूरी कर दी साहब. कब से आपसे चुदने की आस लगाये बैठी थी. आह … साहब … चोदो … चोदो साहब … आहउ!
मेरा लण्ड लगातार उसकी चूत की गहराई में कमाल दिखा रहा था.

सच में दोस्तो, ऐसा लग रहा था कि मैं पहली बार किसी लड़की की चूत में अपना लण्ड डाल रहा हूँ.
जबकि मैंने अपनी पत्नि के साथ न जाने कितनी ही बार इस सुख का आनन्द लिया था.
पर आज के इस स्वर्णिम मिलन की बात ही कुछ और थी.

बीना भी उछल उछल कर मेरे साथ फूल मूड में आनन्द ले रही थी.

दोस्तो, सैक्स का आनन्द तब दुगुना हो जाता है जब तुम्हारा साथी भी उतनी ही तल्लीनता से सैक्स का आनन्द लेता है।

इन 2-3 दिनों में मैंने और बीना ने न जाने कितनी बार Xxx मेड फक का आनन्द लिया था और वो असीम आनन्द था.

3-4 दिन में रितिका भी वापिस आ गई थी.
पर उस दिन के बाद से बीना और मेरे बीच एक अलग ही रिश्ता बन गया था.
जब भी मुझे मौका मिलता, मैं बीना के संग आनन्द के गोते लगा लेता था.

दोस्तो, आपको यह Xxx मेड फक स्टोरी कैसी लगी?
अवश्य बताइयेगा.
मैं आपकी मेल का इंतजार अवश्य करूंगा।
धन्यवाद!
आपका प्यारा ‘अन्नू’ अनुराग अग्रवाल
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