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पुरानी पड़ोसन की पलंगतोड़ ठुकाई–2

तूफान शांत होने के बाद मेरा लण्ड फिर से हलचल करने लगा। अब मै आँटी के रसीले होंठो पर फिर से टूट पड़ा। आँटी भी मेरा साथ देते हुए मेरे होठो को खाने लगी।
रूम फिर से ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूंज उठा। तभी मैने मौका देखकर आँटी के भोसड़े में उंगलिया घुसा दी। अब मै आँटी के भोसड़े को सहलाते हुए आँटी के होंठो को चुस रहा था।

तभी आँटी कसमसाने लगी। वो मेरा हाथ पकड़कर दूर खींचने लगी लेकिन मै मान नहीं रहा था। मै आँटी के भोसड़े को बुरी तरह से कुरेदने लगा। आँटी भी बार बार उनके भोसड़े को मुझसे छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।

फिर मैंने आँटी के बलाउज ब्रा को खोल फेंका और आँटी को पूरी नंगी कर दिया। अब मै आँटी के बोबो को नींबू की तरह निचोडने लगा। तभी दर्द के मारे आँटी की गांड फटने लगी।

“ओह कुत्ते धीरेरेरे,,,, धीरेरेरे आईईईईई।”

“ओह साली, दबाने दे, आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत मस्त अमरुद है तेरे।”

“तो अमरूदों को आराम आराम से तोड़ ना कुत्ते। बहुत दर्द हो रहा है साले।”

“ओह साली ,चुप रहे।मै तो ऐसे ही तोडूंगा। वैसे भी इस बाग का मालिक अब मै हूं।”

“हां मेरे मालिक, लेकिन थोड़ी तस्सली से तोड़ो , अमरूदों को। आगे भी के अमरुद आपको ही खाने है।किसी और को नहीं।”

आँटी बार बार मुझे ज्ञान पेल रही थी और इधर मैं उनके बोबो को बुरी तरह से निचोड रहा था।

“ओह साली, आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

“उन्ह मर्रर्रर्रर्र गईईईई।”आँटी दर्द के मारे आँटी की गांड फट रही थी। उनकी सिस्कारिया मुझे पागल कर रही थी। फिर आँटी के बोबे बुरी तरह से कसने के बाद मैने आँटी के रसभरे बोबो को मुँह में दबा लिया और आँटी के बोबो का मज़ा लेने लगा।

“आह्ह ऋतू, आज तो खूब चुसुंगा। आह्ह बहुत टेस्टी है तेरे आम।”

“चुस ले साले, कुत्ते।”

फिर मै ताबड़तोड़ आँटी के बोबो को चूसने लग गया। मैं रगड़ रगड़ कर आँटी के बोबो को चुस रहा था। आँटी गरमा गरम सिस्कारिया भरते हुई मेरे बालो को सहला रही थी।

“ओह कुत्ते। आह्ह और चुस। आह्ह आज तो बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। उन्ह।”

आँटी को बोबे चुस्वाने में बड़ा मजा आ रहा था। थोडी देर में ही मैने आँटी के बोबो को बुरी तरह से चुस डाला। अब मै आँटी के मखमले पेट पर किस करने लगा। आँटी अब आतुर होकर बेड की चादर को मुट्ठियों में कसने लगी।

“ओह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स आह्ह।”

मैं आँटी के पेट पर जमकर किस कर रहा था। आँटी बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। फिर मै आँटी के भोसड़े तक जा पहुँचा। आँटी का भोसड़ा आँटी के पानी से महक रहा था।

फिर मैने आँटी के भोसड़े में मुंह रखा और फिर से आँटी के भोसड़े को दे दना दन चाटने लगा। आँटी फिर से हवा में उड़ने लगी।

“आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह सिससस्स।”

फिर मैंने आँटी के भोसड़े को खूब चाटा। अब मैने आँटी की टांगो को फिर से खोल दिया और आँटी के गीले गच्च भोसड़े में लण्ड ठोक दिया। अब मै आँटी को फिर से झमाझम बजाने लगा।

“आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहा सिससस्स ओह कुत्ते। बहुत कमीना है तू।”

“अगर कमीना नहीं होता तो तेरी चूत कैसे मिलती साली?”

“हां साले, हारामी।”

मैं ताबड़तोड़ आँटी को पेल रहा था। आँटी भी आज चुदाने का फूल मज़ा ले रही थी। मेरा लण्ड आँटी के भोसड़े के कतरे कतरे को हिला रहा था।

“आह्ह सिससस्स आह्ह आहा, बहूत मज़ेदार लौड़ा है तेरा कुत्ते।”हां मेरी रानी।

फिर ताबड़तोड़ ठुकाई के साथ ही आँटी का भोसड़ा फिर से गरमा गरम माल से भर गया। आँटी का चिकना जिस्म फिर से पसीने में भीग चूका था। आँटी अब संतुष्टि से सिस्कारिया ले रही थी।

“आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उँह।”

मैं आँटी को अभी भी जमकर बजा रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को ऐसे ही बजाया। फिर मैंने आँटी को पलट दिया।

आँटी पूरी नंगी होकर मेरे सामने पड़ी थी। उनकी गजराई चिकनी पीठ और मस्त चूतड़ चमक रहे थे। तभी मुझसे रहा नहीं गया और मैं झट से आँटी पर चढ़ गया।

अब मैं आँटी को नीचे दबाकर उनके कंधो पर किस करने लगा। आँटी के मज़बूत कंधो पर किस करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आँटी धीरे धीरे आहे भर रही थी।

“ओह उन्ह ओह आह्ह सिससस्स ओह, आह्ह सिसस्ससस्स।”

मैं आँटी के कंधो और कानों को जमकर किस कर रहा था। इधर मेरा लण्ड आँटी की गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था। फिर मैं आँटी की गजराई पीठ पर बरस पड़ा और ताबड़तोड किस करने लगा। आँटी की पीठ पर किस करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“ओह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”

फिर मै किस करता हुआ आँटी की गांड पर पहुँच गया। अब मैने आँटी के सेक्सी चुतडो पर हमला बोल दिया और आँटी के गोरे गौरे चुतङो को जमकर किस करने लगा। आह्ह! मुझे तो आज फिर से जन्नत का सुख मिल रहा था।

“ओह आहाहाह आह्ह सिससस्स उँह ओह आह् सिसस्ससस्स।”

गांड पर किस करने की वजह से आँटी को गुदगुदी सी होने लगी। तभी आँटी गांड को इधर उधर हिलाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने आँटी की गांड पर पूरा दबाव बना रखा था। मै आँटी के चिकने चुतडो को बुरी तरह से काट रहा था।। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी की गांड पर किस किये।

अब मैने आँटी को वापस सीधा कर लिया।अब मैने फिर से आँटी की टाँगे खोल दी और तुरंत आँटी के भोसड़े में लण्ड उतार दिया।

अब मै आँटी को बाहों के कसकर झमाझम बजाने लगा। ऊपर आँटी की टाँगे हवा में लहरा रही थी और नीचे मेरा लण्ड आँटी की चीखे निकाल रहा था।

“आह्ह आह्ह आहा और ज़ोर ज़ोर से चोद, मेरे सैया। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आज ठुकवाने में।”

“ले मेरी रानी, आज तो तेरे भोसड़े को ही फाड् दूंगा।”

“हां , फाड़ दे साले कमीने। आह्ह आह्ह। आह्ह।”

तभी मैने ताबड़तोड़ झटकों से आँटी के भोसड़े में भूचाल ला दिया। अब आँटी बुरी तरह से चीखने लगी।

“आईईईई आईईईई आहा आह्ह आह्ह आह्ह।”

तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से आँटी का पानी निकल गया। अब आँटी के गीले जिस्म से मै भी भीगने लगा था। फिर मैंने धुआंधार ठुकाई से आँटी को बुरी तरह नसते नाबुत कर दिया। अब तो आँटी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।

तभी मैने आँटी को पलट कर मेरे ऊपर ले लिया। अब आँटी मेरे ऊपर चढ़ गई। अब वो मेरी चेस्ट पर ताबड़तोड़ किस करने लगी। आँटी के लंबे लंबे बाल मेरी चेस्ट पर बिखर रहे थे। आँटी बिखरे हुए बालों में बहुत ही मदमस्त लग रही थी। वो भूखी शेरनी बनकर मेरे ऊपर क़यामत ढा रही थी। आँटी ने थोड़ी देर में ही मेरी चेस्ट किस करके पूरी गीली कर दी।

फिर जल्दी से आँटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया।

“बहुत ही मस्त हथियार है साले तेरा तो।आज तो मै इसे नहीं छोडूंगी।”

तभी आँटी ज़ोर ज़ोर से मेरे लण्ड को मसलने लगी।

“लगता है घोड़े का हथियार है जो तूने लगा लिया है।”

“हां ,हां तभी तो तेरे भोसड़े का हाल बेहाल किया है इसने।”

“हां साले हारामी।

आँटी ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को मसल रही थी। आँटी को मेरा लण्ड मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर उन्होंने मेरे लंड को मुँह में दबा लिया और झमाझम मेरे लण्ड को चूसने लगी।

“ओह साली, मां की लौड़ी। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आह्ह बससस्स ऐसे ही चुस, मेरी रानी। आह्ह।”

आँटी भूखी शेरनी की तरह मेरे लण्ड पर टूट पड़ी थी।वो जमकर मेरा लण्ड चुस रही थी। आँटी आज पूरी खुल चुकी थी। वो आज अपनी दबी हुई इच्छाओ को पूरी कर रही थी।मैने भी आँटी को खुला छोड़ दिया था। आँटी अब अपने हिसाब से मेरे लंड के साथ खेल रही थी।

“ओह साली कमीनी। आह्ह और चुस। आह्ह।”

फिर आँटी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चुसा।

अब मैने आँटी को उठाया और उन्हें बेड से नीचे उतार लाया। अब मैने आँटी से घोड़ी बनने के कहा। अब आँटी क्या करती! वो चूपचाप बेड को पकड़कर घोड़ी बन गई। अब मैने आँटी के चमचमाते भोसड़े में लण्ड रखा और फिर आँटी के भोसड़े में झट से लण्ड ठोक दिया।

अब मैं आँटी की कमर पकड़कर झमाझम आँटी को चोदने लग गया। अब आँटी फिर से ज़ोर ज़ोर से सिस्कारिया लेने लगी।

“आह आह आहा आईई आहा उन्ह ओह साले हैरामी।मर गई।अआईईई अआईईई।”

“आह ओह साली हरामज़ादी आह बहुत मज़ा आ रहा है।आहा बहुत मस्त माल है तू।”

“आह आह उन्ह आह आहा अआईईई अआईईई।”

मैं आँटी को घोड़ी बनाकर बुरी तरह से बजा रहा था। आँटी को घोड़ी बनाकर बजाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।मेरा लण्ड लगातार आँटी के भोसड़े के छेद को गहरा करता जा रहा था।फिर थोड़ी देर की झमाझम के बाद आँटी फिर से पसीने से लथपथ हो गई और उनके भोसड़े से गरमा गर्म रस नीचे बहने लगा।

मैं तो आँटी को अभी भी पुरे जोश खरोश से बजा रहा था। आँटी की ताबड़तोड़ ठुकाई करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

मैं ज़ोर ज़ोर से आँटी के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था। अब मेरी नज़र आँटी की गांड पर टिकने लगी। मेरा लण्ड अब आँटी की गांड नापने के लिए बेताब हो रहा था।

तभी मैने आँटी के भोसड़े में से लण्ड बाहर निकाला और आँटी की गांड के सुराख में लण्ड सेट करने लगा। आँटी तो भोसड़ा ठुकवाकर पहले ही बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी लेकिन अब उन्हें गांड भी मरवानी पड़ रही थी।

तभी मैने आँटी की कमर पकड़कर ज़ोर से आँटी की गांड में लण्ड ठोक दिया। एक ही झटके में मेरा लण्ड आँटी की गांड में पूरा घूस चूका था। अब मै आँटी की कमर पकडकर झमाझम आँटी की गांड मारने लगा। मैं खचाखच आँटी की गांड में लण्ड पेल रहा था। दर्द के मारे आँटी की गांड फट रही थी।

“ओह साले।कुत्ते मार डाला तूने तो……… आईएईई मम्मी,,, आह्ह बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई मेरी गांड,,, ओह भैन के लौड़े,,,,, धीरे धीरे…..आईईईई,, कमीने।”

ओह साली कामिनी। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है तेरी गांड मारने में।आह्ह”

“और यहां मेरी जान निकली जा रही है साले कुत्ते।”

“आह्ह , आज तो मै तेरी गांड छोड़ने वाला नहीं हूँ। खूब लंड पेलूंगा तेरी गांड में।”

मै आँटी की जमकर गांड मार रहा था। तभी आँटी से मेरे लण्ड का कहर सहा नहीं गया और आँटी थर थर कांपने लगी। बससस्स फिर क्या था! तुरंत ही आँटी के भोसड़े से पानी बहने लगा। मेरा लंड ज़ोरदार गांड ठुकाई से आँटी की जमकर खबर ले रहा था।

“ओह आहाः आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह,,, बसस्ससस्स साले हरामी,,अब क्या मेरी गांड ही फड़ेगा क्या!,,,,, आईईईई मम्मी,,, मर्रर्रर्रर्र गईईईई।”

“हां साली रण्डी, आज तो तेरी गांड फाडने का ही इरादा है।”

हाय! बहुत मोटा तगड़ा लण्ड है तेरा तो कुत्ते। आह्ह मेरी गांड।”

मैं ज़ोर ज़ोर से आँटी की गांड बजा रहा था।अब तो मेरे लण्ड का हर एक झटका आँटी पर भारी पड़ रहा था। मेरा लंड आँटी की गांड के सुराख में बिगाड़ चूका था।

“आह्ह बससस्स कुत्ते।आह्ह बसस्ससस्स अब मत मार मेरी गांड,,, आईईईई आईईईईई आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स आह्ह।”

अब तो आँटी गांड मराने के लिए बार बार मना कर रही थी।लेकिन मेरे लण्ड की प्यास बुझ नहीं रही थी।मै आँटी की गांड में लंड पेलें जा रहा था।तभी आँटी फिर से पानी पानी हो गई। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की गांड में लण्ड ठोका।

आँटी गांड मरवाने के बाद बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। अब उनकी बस की बात नहीं थी। लेकिन इधर मेरे लण्ड का करंट बढ़ता जा रहा था। अब मै आँटी को पकड़कर हॉल में लाने लगा।

“रोहित क्या कर रहा है यार?”

“अंदर तो बहुत मज़े ले लिए ऋतू, अब थोड़ा सा बाहर मज़ा लेते हैं।”

“अरे कोई देख लेगा तो?”अरे ऋतू तू भी कैसी बाते कर रही हैं। यहां दो नंगे जिस्मो के अलावा कोई नहीं है।”

अब आँटी क्या जवाब देती? वो चुप हो गई। तभी मेने हॉल के सोफे पर आँटी को पटक दिया। आँटी सोफे के अन्दर धंस चुकी थी। तभी मैने आँटी की टाँगे पकड़कर ऊपर कर दी। अब मेने आँटी के भोसड़े में लण्ड रखा और फिर आँटी की टाँगे पकड़कर झमाझम आँटी को बजाने लगा।

“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह। अंदर ही बजा लेता कमीने।”

“साली, सोफे पर बजाने में अलग ही मज़ा आता है।”

मैं ज़ोर ज़ोर से आँटी के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था। आँटी को सोफे पर पटककर चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड आँटी के भोसड़े में तगडी ठुकाई कर रहा था।

“आह्ह आह्ह ओह आह्ह ओह साले आह्ह आह्ह आहा।”

“आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है साली कुत्तिया।”हां साले कुत्ते।

तभी धमाधम ठुकाई से आँटी का पानी निकल गया। अब मेरे लण्ड के झटकों से आँटी के भोसड़े से पानी नीचे टपकने लगा था। मै आँटी को मस्ती में डूबकर बजाये जा रहा था।

“आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स।”

फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को सोफे पर बजाया। अब मैने आँटी को सोफे पर से उठा दिया। अब मै सोफे पर बैठ गया और आँटी को मेरे लण्ड पर बैठने के लिए कहा।
अब आँटी को समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे क्या करे?

“यार मैं ऐसे कभी नहीं चुदी हूँ।”कोई बात नहीं आँटी। अब आज आपको मौका मिला है ना तो फिर बैठ जाओ मेरे लण्ड पर।”

अब आँटी शरमाती हुई मेरे लण्ड पर बैठने की कोशिश करने लगी लेकिन आँटी सही तरीके से लण्ड को भोसड़े में नहीं ले पा रही थी।फिर मैंने आँटी की हेल्प की और मेरा लण्ड आँटी के भोसड़े में सेट कर दिया।

बस फिर क्या था! आँटी शुरू हो गई। अब आँटी ने मुझे बाहों में कास लिया और वो ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर चुदने लगी।

“आह्ह आह्ह सिससस्स आहा ओह ऊँह आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है कुत्ते।”

“यही तो मज़ा मैं तुझे देना चाहता था मेरी रानी। अब जमकर मज़ा ले।”

“हां साले कमीने।”

आँटी झमाझम भोसड़े में लण्ड ले रही थी। आँटी को उचक उचककर चुदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आँटी के हर झटके के साथ आँटी के बोबे मुझसे टकरा रहे थे।

“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह साले हारामी।”

तभी आँटी का पानी निकल गया और आँटी नसते नाबुत होकर मुझसे लिपट गई।फिर मैंने आंटी को उठाया और उन्हें किचन में ले आया।

“अब यहां भी बजायेगा क्या कुत्ते?”

हां साली कुत्ती।

अब मैने आँटी को घोड़ी बनने का इशारा किया।तभी आँटी किचन टेबल को पकड़कर घोड़ी बन गई। अब मैने आँटी की गांड के सुराख़ में लंड सेट किया और फिर ज़ोर का झटके के साथ लण्ड आँटी की गांड में ठोक दिया।

अब मै मस्ती से आँटी की गांड मारने लगा। कीचन में आँटी की गांड मारने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था। आँटी फिर से दर्द से तड़प रही थी।

“आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्सस्ड ऊँह थोड़ा धीरेरे,,,, धीरे डाल कमीने।”

“मैं तो ऐसे ही गांड मारूँगा तेरी साली। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”

मेरा लण्ड फिर से आँटी की गांड के छेद को चौड़ा कर रहा था। मै ताबड़तोड़ आँटी की गांड मार रहा था। फिर ताबड़तोड़ गांड ठुकाई के बाद आँटी का पानी निकल गया।

अब मेरे लण्ड की ठुकाई से आँटी की चूत से होते हुए पानी किचन में गिर रहा था। मै ताबड़तोड़ आँटी की गांड ले रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को किचन में बजाया।

“ओह साले हारामी, आज तो तूने मुझे पूरी हिला दिया।”

“जमकर ठुकाई करने में ही तो माज़5 आता है साली।”

“हाँ, हां अच्छी बात है।अब यार जल्दी से खत्म कर ले।कृतिका स्कूल से आने वाली है।”

“अभी तो बहुत आग बाकी है ऋतू।”

अब मै आँटी को वापस बैडरूम में ले आया और फिर से आँटी के भोसड़े में लण्ड जमा दिया। अब मै फिर से आँटी को पेलने लगा।

“आह्ह आहाः आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईई आह्ह आह्ह।”

आँटी फिर से बुरी तरह से चुद रही थी। मेरा लण्ड फिर से आँटी के भोसड़े के परखच्चे उड़ा रहा था।

“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आहा सिसस्ससस्स आईईईई।”

मैं आँटी को पेलें जा रहा था। आँटी बार बार घडी की ओर देख रही थी।

“रोहित जल्दी कर यार। आह्ह आह्ह अब शाम को बजा लेना।”

अरे यार ऋतू, रुको अभी तो तेरा एकबार और पानी निकालने दे।”

“अरे यार तू बहुत ज़िद्दी है। चल निकाल फटाफट।”

अब मै आँटी को एकबार फिर से धुआंधार तरीके से बजाने लगा। आँटी फिर से चीखने लगी। लेकिन अब मै रुकने का नाम नहीं ले रहा था। मै आँटी को झमाझम बजा रहा था।

“आईईईई आह्ह आह्ह आईईईई आह्ह आह्ह।”

तभी ताबड़तोड़ झटकों से आँटी का पानी निकल गया। अब मैने आँटी की टांगो को छोड़ दिया और आँटी को बाहों में दबा लिया। अब मेरा निकलने वाला था।

तभी मेने आँटी के भोसड़े में लण्ड रोक दिया। और फिर कुछ ही पलों में आँटी का भोसड़ा मेरे लण्ड के गर्मा गर्म पानी से भर चूका था।

तभी आँटी ने मुझे बाहों में दबा लिया। दो नंगे जिस्म अब पसीने से लथपथ होकर पड़े थे। तूफान थम चूका था।

फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हुए। आज आँटी की जबरदस्त ठुकाई करकर मैं बहुत खुश थी। आँटी भी सबकुछ ठुकवाकर बहुत खुश थी।

“बहुत जबरदस्त तरीके से बजाया है यार तूने।”

“बहुत टाइम से प्यासा था यार ऋतू। अब तुम मिली हो तो प्यास बुझा रहा हूं।”

“मैं तो चाहती हूँ कि तू रोज मुझे बजाये।लेकिन ये सब संभव नहीं है। मै तेरी ठुकाई से बहुत ज्यादा खुश हूं रोहित।”

“मेरी नीरस लाइफ में तूने रस भर दिया है।”अब मेरा लण्ड आपको खूब रस देगा। आप चिंता मत करो।

“हाँ, ठीक है। चल अब कपडे पहन ले।”

पुरे बैडरूम में हमारे कपडे बिखरे पड़े थे। फिर आँटी ने एक एक करके कपडे पहने। फिर आँटी किचन में चली गई। अब मै भी कपडे पहनकर बैडरूम से बाहर आने लगा तो मेरी नज़र फिर तस्वीर पर पड़ी।अंकल आँटी के साथ मुस्कुरा रहे थे लेकिन यहां तो उनकी स्वीटहार्ट बुरी तरह से चुद चुकी थी और अंकल को कानो कान भी खबर नहीं थी।

खैर फिर मै बाहर आ गया। आँटी किचन में पोछा लगा रही थी।

मैं समझ गया था कि आँटी अब ठुकाई के निशानों को मिटा रही थी।

फिर आँटी बैडरूम में भी गई और वहाँ भी उन्होंने ठुकाई के सारे सबूत मिटाए। अब मै मेरे कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद कृतिका स्कूल से आ चुकी थी।
आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये– [email protected]

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