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Meri Pehli Chudai Kahani – Episode 1

हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम सानिया खान है और मैं एक अमीर घर की बेटी और बहू हूं। मैं शादीशुदा हूं और एक बेटी और एक बेटे की मां हूं। मेरी आयु 29 साल और कद 5 फीट 7 इंच है। मेरा रंग काफी गोरा और फिगर बहुत सेक्सी है।

मेरी फिगर का साईज़ 36डी-28-38 है और मेरा बदन एकदम टाईट और शेप में है। मुझे देखकर कोई नहीं बोल सकता कि मैं दो बच्चों की मां हूं। मेरी आयु चाहे 29 साल है लेकिन दिखने में किसी कॉलेज़ में पढ़ रही लड़की लगती हूं। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और एक ब्वॉयज कॉलेज़ में लाइब्रेरीयन हूं। मेरे मायके और ससुराल दोनों खुले विचारों वाले हैं वो कपड़े पहनने के मामले में कोई टोका टाकी नहीं करते।

मैं ज्यादातर जींस टॉप या जींस शर्ट और साडी़ पहन कर घर से बाहर जाती हूं। मैं ज्यादातर हाई हील के सैंडल पहनती हूं इससे मेरी मोटी गांड और भी उभर कर दिखाई देती है और बूब्ज़ भी ज्यादा सेक्सी लगते हैं। मेरे बूब्ज़ और गांड साईज़ में काफी बड़े हैं और शेप में गोल हैं।

मेरे बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का भूरा तथा चूत ऊपर से हल्की भूरी एवं अंदर से गुलाबी है। मैं घरवालों से चोरी सिगरेट और शराब भी पीती हूं। मेरे मायके में सिर्फ मैं और मेरा सगा भाई ही शराब और सिगरेट पीते हैं जबकि ससुराल में सिर्फ मेरा छोटा देवर शराब पीता है।

हम तीनों ही छुपकर चोरी से शराब और सिगरेट पीते हैं। मुझे शराब और सिगरेट की लत 9 वीं कलास से लग गई थी। मेरी एक सहेली के अब्बू का शराब के व्यापार था वो चोरी से शराब की बोतल ले आती और हम गराऊंड के पीछे झाडि़यों में छुपकर शराब पीतीं थीं।

उसके बाद शराब के साथ साथ हम सिगरेट भी पीने लग गईं। अपने छोटे सगे भाई और देवर को मैंने ही शराब और सिगरेट पीने लगाया था क्योंकि मुझे नशे में सेक्स करना ज्यादा अच्छा लगता है। वैसे शराब और सिगरेट के बिना भी मैं काफी तरह के नशे कर के सेक्स कर चुकी हूं जैसे चर्स, गांजा, अफीम, नशे की गोलियां एवं कैप्सूल, स्मैक आदि लेकिन आदी सिर्फ शराब और सिगरेट की ही हूं।

सेक्स से पहले सेक्स की गोली भी खाती हूं ताकि ज्यादा से ज्यादा मजा कर सकूं और कंडोम लगाकर सेक्स नहीं करती मुझे ज्यादा मजा नहीं आता। अपने छोटे भाई और देवर से भी मैं सेक्स कर चुकी हूं। उन दोनों तथा अपने शौहर के अलावा भी मैं बहुत लड़कों और मर्दों से सेक्स कर चुकी हूं।

शायद मैं मीट, मछली,और अंडे ज्यादा खाती हूं इस वजह से मुझ में सेक्स की आग ज्यादा है। गोल गप्पे और चटपती मसालेदार चीजों की वजह से छोटी आयु में ही मेरा बदन काफी भरा हुआ था। अपनी कलास की लड़कियों के मुकाबले मेरे बूब्ज़ और गांड बड़ी थी। मेरे बदन का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हो कि 14 साल की आयु में लड़कियां समीज पहनती हैं और मैं ब्रा पहनती थी वो भी 32 की। 18 साल में ये 34डी हो गया था।

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मुझे शुरू से ही लड़कों और मर्दों में बहुत दिलचस्पी रही है और अब भी है लेकिन मुझे कट लंड से अनकट लंड ज्यादा अच्छे लगते हैं इसी वजह से मैंने ज्यादा चुदाई इंडियन लड़कों एवं मर्दों से की है। पंजाबी लड़के और मर्दों की चुदाई की तो मैं दीवानी हूं। पंजाबी लड़कों एवं मर्दों के लंड शानदार होते हैं और चुदाई भी बहुत ही अच्छी करते हैं।

मैं अभी तक बहुत पंजाबी लड़कों एवं मर्दों के साथ चुदाई कर चुकी हूं और मुझे गांड चुदाई भी बहुत अच्छी लगती है। मुझे वीर्य पीना बहुत पसंद है, गर्म गर्म वीर्य का नमकीन सवाद और इसकी महक से मैं पागल सी हो जाती हूं। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

इसके अलावा जब गर्म गर्म वीर्य मेरी गांड के छेद की गहराई में गिरता है तो मुंझे जंनत में होने का एहसास होता है। पंजाबी लड़कों एवं मर्दों से चुदाई इसलिए भी पसंद है क्योंकि ये एक बार चुदाई के बाद दूसरे राऊंड केलिए जल्दी तैयार हो जाते है और बारी बारी मुंह, चूत और गांड में वीर्य गिरा कर मेरी कम अग्नि को बहुत अच्छे से शांत करते हैं। मेरी पहली चुदाई भी एक पंजाबी मर्द से ही हुई थी।

ये बात तब की है जब मैं बारहवीं के बाद बीए में कॉलेज़ में दाखिला लिया था। तब मैं 18 साल की थी और तब भी मेरा बदन भरा हुआ था। मेरे गांव से कॉलेज करीब 24 किमी था और मैं बस में जाती थी। बस में भीड़ होने से कभी सीट नहीं मिलती थी और खड़े होकर ही आना जाना पड़ता था।

हमारे गांव से एक ही बस शहर आती जाती थी। मैं सुबह उसी बस से जाती और वापिस भी उसी पर आती थी। तब मेरी फिगर का साईज़ 34डी-26-36 था। पहले मैं मोटी थी लेकिन रोज़ कसरत करके मैंने अपना पेट सपाट किया और फिगर को सेक्सी बनाया।

जब मैं स्कूल में थी तो सब मुझे मोटी कहते थे लेकिन अभी मोटी कहने वाले लड़के मेरी सेक्सी फिगर के दीवाने थे। मैं अब भी रोज़ कसरत करती हूं ताकि मेरी फिगर ऐसे ही सेक्सी बनी रहे। अब कहानी पर वापिस आते हैं। जब मैं बस में सफर करती तो बहुत से मनचले लड़के और मर्द मेरे पीछे खड़े होकर जींस के ऊपर से मेरी गांड सहलाते या पीठ पर हाथ फेरते कुछ तो बूब्ज़ भी दबा देते या मेरी भरी हुई जांघों को सहलाते।

कई बार तो कुछ लड़के या मर्द मेरे टॉप या शर्ट में हाथ डालकर मेरी पीठ, पेट पर भी हाथ फेर देते या बूब्ज़ दबा देते। कई बार बस के ब्रेक लगने पर या ज्यादा भीड़ का बहाना करके मेरी गर्दन को चूम भी लेते। उनकी हरकतों से मैं बहुत गर्म हो जाती और घर आकर चूत रगड़ कर गर्मी निकालती।

उस बस का कंडक्टर करीब 45 साल का पंजाबी मर्द था। उसका नाम राजपाल सिंह और कद करीब 6 फीट था। दिखने में बहुत हट्टा कट्टा और सुंदर था। उसकी आंखें भूरी और बाल काले थे। उसका रंग गोरा और चेहरा क्लीन शेव था। उसकी आंखों में चमक थी और चेहरे पर लाली थी।

जब टिक्ट काटने केलिए आगे पीछे जाते टाईम मेरे बदन को छूता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। उसकी चौडी़ छाती और सुडौल जिस्म की तरफ मैं खींची जाती। एक दिन मैं बस में चढी़ तो बहुत भीड़ थी तो ठीक से खड़ी होना भी मुश्किल था तभी उसने मुझे अपनी सीट पर बैठा दिया जो उसकी कंडक्टर सीट थी। उस दिन पहली बार सीट पर बैठ कर गई।

दूसरे दिन उसने कंडक्टर सीट के साथ वाली सीट खाली रखी और मुझे बैठा दिया। टिक्ट काटने के बाद वो मेरे साथ बैठ गया और हम बातें करने लगे। उसने मेरा नाम पूछा और मैंने सानिया खान बता दिया और एक-दूसरे के बारे पूछते बताते हम शहर पहुंच गए। जब मैं उतरने लगी तो उसने मुझे कहा आज से ये सीट तुम्हारी हुई।

वापिस आते हुए भी हम दोनों साथ साथ बैठ गए। हम एक-दूसरे से बिल्कुल सटकर बैठे हुए थे और वो अपनी टांग हिलाकर मेरी जांघ अपनी जांघ से सहलाने लगा। कुछ देर बाद उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया। उसका मुझे ऐसे छूना मुझे अच्छा लग रहा था तो मैंने भी हाथ नहीं हटाया। सारी रात मुझे उसका स्पर्श याद आता रहा और मैंने सोच लिया उसको कैसे भी पटाना है।

मेरी यह चुदाई की कहानी आगे जारी रहेगी, सिर्फ देसी कहानी डॉट नेट पर!

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