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Kamsin kali ki mast chudai-8

This story is part of the Kamsin kali ki mast chudai series

आगे की कहानी से पहले मैं माफ़ी क्योंकि इस पार्ट को मैं देर से लाया। कुछ काम मे व्यस्त था। अब आगे पढ़िए!

फिर नाज़नीन और मैंने अपने कपड़े ठीक किये।

नाज़नीन के चेहरे पर एक अजब से लाली आ गई थी।

नाज़नीन- आप बैठिए। मैं बिरयानी परोसती हूँ।

मैं- ठीक है आपा।

दोस्तों मैं आपको बता दूँ बिरयानी मेरी पसंदीदा पकवानों में से एक है।

फिर मैं डाइनिंग टेबल पर बैठ गया। नाज़नीन बिरयानी ले आई।

उसने एक प्लेट में बिरयानी परोसी।

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मैं- अरे आपा एक ही प्लेट ? आप भी लीजिए।

नाज़नीन- अरे मैं बाद में ले लूँगी।

मैं- अरे नहीं मैं अकेला नहीं खाऊँगा।

नाज़नीन- ओके मैं भी खा लेती हूँ।

फिर हम दोनों ने बिरयानी खायी। सच मे बिरयानी बहुत स्वादिष्ट बनी थी।

फिर हाथ दोनों के बाद।

मैं- अच्छा आपा अब मैं चलता हूँ।

नाज़नीन- अरे इतनी जल्दी क्या है, थोड़ा रुक जाओ। थोड़ा मेरे साथ और वक़्त गुज़ार लो।

मैं उसका इशारा समझ गया, उसकी प्यास और बढ़ चुकी थी।

मैं – ठीक है आपा, आप बोलते हैं तो रुक जाता हूँ।

नाज़नीन- चलो बेडरूम में चलते हैं, वहाँ आराम से बात करेंगे।

फिर हम बेडरूम में आ गया। बेडरूम अच्छा खासा बड़ा था, साथ मे बाथरुम भी था।

नाज़नीन बेड पर लेट गई, मैं उसके बगल में लेट गया। मैंने अपने होंठ उसके नाज़ुक होंठो पर रख दिये। नाज़नीन की छाती ऊपर नीचे होने लगी।

मैं उसके होंठो को चूसने लगा। फिर मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए। नाज़नीन ने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए। उसका गोरा बदन चमक रहा था। उसकी चूत बालों से ढकी हुई थी। उसके चूत के बाल भी गीले हो रहे थे।

मैं- आप कभी अपनी चूत के बाल साफ नहीं करती।

नाज़नीन- पहले करती थी, पर अभी बहुत समय से नहीं किये।

मैं- मैं आपकी चूत के बाल साफ कर दूँ।

नाज़नीन- सच में।

मैं- हाँ , वीट है आपके पास।

नाज़नीन -मेरे पास तो नहीं है। पर आसमा के पास हो सकता है। उसके कमरे में देखना पड़ेगा। अरे आसमा से याद आया। मैने मेन डोर लॉक ही नहीं किया। अगर अभी आसमा आ जाती तो प्रॉब्लम हो जाती। मैं डोर लॉक करती हूँ।

फिर नाज़नीन गांड मटकाते हुए बाहर गई। थोड़ी देर बाद वो वीट लेके आई।

मैंने वीट उसकी चूत के बालों पर लगाया और 5 मिनट के लिये छोड़ दिया।

मैं- जब तक वीट अपना काम करता है तब तक आपा आप मेरे लन्ड से खेलो। आपने कभी लंड चूसा है।

नाज़नीन- नहीं मैंने कभी लन्ड नहीं चूसा।

मैं- मेरे लन्ड को चाट कर देखो बहुत मज़ा आएगा।

नाज़नीन- ना बाबा मैं नहीं चटूँगी , मैंने पहले कभी नहीं किया। इस पर चूत का माल भी लगा हुआ है।

मैं- चलो बाथरूम में चलते हैं लन्ड भी साफ करेंगे और आपकी चूत भी।

फिर हम बाथरूम में गए, मैंने पहले एक कपड़े से उसकी चूत के बाल साफ किये। बाल साफ होने के बाद नाज़नीन की चूत ऐसे लग रही थी जैसे बादलो में से चाँद निकल आया हो।

मैं- आपा देखो आपकी चूत कितनी चिकनी हो गई।

नाज़नीन – हाँ

फिर मैंने शावर खोल दिया , नाज़नीन और मैं शावर के नीचे खड़े हो गये।

मैंने अपना लन्ड नाज़नीन के हाथ मे पकड़ा दिया। वो मेरे लन्ड को सहलाने लगी।

फिर मैं भीगते हुए उसके बदन हो चूमने लगा, मैं उसके बूब्स को चूस रहा था और वो मेरा लन्ड हिला रही थी।

मेरा लंड सख्त हो गया था।

मैं- आपा मेरा लन्ड साफ हो गया अब चुसो ना इसे।

आपा- पर मैंने पहले कभी नहीं चूसा।

मैं- पहले आपने अपने पति के अलावा किसी और से चुदी भी नहीं थी। चूस के देखो अगर अच्छा ना लगे तो फिर मत चूसना।

आपा- ठीक है चूसती हूँ।

फिर आपा नीचे बैठ गई, उसका मुँह मेरे लन्ड के सामने था।

उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और धीरे धीरे मेरे लन्ड को चाटने लगी।

मैं- आपा मज़ा आ रहा है और चाटो लन्ड को।

आपा पूरे लन्ड को चाटने लगी।

मैं- आपा अब मुँह में लेलो लन्ड को।

आपा ने अब लन्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी, अभी वो बस लगभग एक इंच ही चूस रही थी। फिर मैंने थोड़ा धक्का लगाने लगा।

मैं- कैसा लग रहा है आपा?

नाज़नीन- अच्छा लग रहा है, ये बोल कर वो फिर से लन्ड चूसने लगी।

अब उसे मज़ा आने लगा और वो जोर जोर से लन्ड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मैं बोला

आपा अब मुझे आपको मज़ा देने दो। अपनी चिकनी चूत की सेवा करने दो।

हमने टॉवल से एक दूसरे को पोंछा और फिर बेड पर आ गए।

मैं- आप बेड से पीठ टिकाकर बैठ जाओ और अपनी टाँगे खोल दो।

आपा- ओके नीरज।

नाज़नीन अब अपनी टाँगे खोलकर बैठ गई। पोछने के बाद भी उसकी चूत गीली हो रही थी।

मैं आगे बढ़ा और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की फांको पर रख दी। नाज़नीन की एक मादक आह निकली और उसने आँखे बंद कर ली।
मेरी जीभ अब करतब दिखाने लगी । मैं उसकी चूत को ऐसे चाटने लगा जैसे बिल्ली प्लेट में दूध चाटती है।

बीच बीच मे मैं उसकी जांघो को भी चाटता।

नाज़नीन- आह नीरू इतना मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा तो पहले कभी नहीं आया। मुझे लग रहा है मैं तो ऎसे ही झड़ जाऊँगी।

मैं- आपा झड़ जाओ किसने रोका है।

आपा- नहीं मुझे तेरा लन्ड चाहिये नीरू।

मैं- लण्ड भी मिल जाएगा, आज जितना मज़ा लेना है लेले। फिर पता नहीं कब मौका मिलेगा।

ये बोल कर मैंने उसके दाने को मसला फिर चूसने लगा।

नाज़नीन का बदन काँपने लगा।

नाज़नीन- आह नीरू मैं पागल हो रही हूँ, बर्दाश्त नहीं हो रहा ।

उसने मेरा सर पकड़ लिया।

नाज़नीन- चूस मेरी चूत निकाल दे इसका पानी नीरू, आह या अल्लाह बहुत मज़ा आ रहा है।

मैं जोर जोर से उसका दाना चूसने लगा और अपनी उँगली उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा।

नाज़नीन ने मेरा सर कस के पकड़ा और बोली – हाँ चाट जोर से चाट मेरी चूत , चूस मेरे दाने को जान, आह आह मुझे हो रहा रहा है, आह मैं झड़ने वाली हूँ।

और उसका बदन काँपने लगा और वो झड़ गई। उसका माल बहुत लज़ीज़ लग रहा था। उसको पसीना भी आ गया।

नाज़नीन- आह तू इतने दिन कहाँ था मज़ा आ गया।

नीरज- आपा अभी तो मेरे लंड ने भी आपकी चूत को मज़ा देना है।

नाज़नीन- थोड़ा रुक जा। मुझे ठीक से सांस तो लेने दे।

मैं- आपा आपको और मज़ा चाहिए।

नाज़नीन- कैसे।

मैं- मैंने आपकी चूत झाड़ दी, आप चूस के मेरा लन्ड झाड़ दो। उसके बाद मैं आपकी चूत की लंबी चुदाई करूँगा।

नाज़नीन- ना मैं मुँह में नहीं झड़वाऊंगी।

मैं- अरे आपा मुँह में नहीं झड़वाना है, आप लन्ड को जोर जोर से चुसो। जब झड़ने को होगा मैं बाहर झाड़ दूँगा।

नाज़नीन- हाँ ये ठीक है।

फिर मैं बेड के साइड में पाँव नीचे करके बैठ गया। मेरा मोटा लन्ड तन के सलामी दे रहा था। नाज़नीन फर्श पर घुटनों के बल बैठ गई। उसने मेरा लन्ड मुँह में ले लिया। और चूसने लगी।

मैं- आपा आप तो बहुत जल्दी सीख गई, चुसो मेरा लन्ड , चूस चूस के इसकी एक एक बूंद निकाल दो।

आपा मजे से लन्ड चूस रही थी ,बीच बीच में मैं उसके सर को पकड़ कर दवाब डालता तो मेरा लन्ड उसके गले तक चला जाता।

नाज़नीन मेरा लन्ड लगातार चूस रही थी। मैं अब खड़ा हो गया, आनंद में मेरी भी आँखे बंद हो गई।

मैं- मज़ा आ रहा है आपा, चूस जोर से चूस , आह आह ।

मैंने नाज़नीन का सर जोर से पकड़ लिया , जोश में मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि माल बाहर गिराना है। मेरा बदन काँपने लगा, और मेरा गर्म माल नाज़नीन के मुँह में निकला उसी वक़्त जोश में अपना लन्ड उसके गले तक उतार दिया।

सारा माल उसके गले से उतर कर पेट में चला गया, नाज़नीन को माल बाहर थूकने का मौका भी नहीं मिला। मुझे लगा अब नाज़नीन गुस्सा होगी। मग़र मैं हैरान रह गया वो अभी भी मेरा लन्ड मजे से चाट रही थी।

मैं- आपा मज़ा आया?

नाज़नीन- अरे बहुत मज़ा आया, मुझे तो पता ही नहीं था इसमें इतना मज़ा आता है।

फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए और एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे।

मैं- आपा आप बहुत मस्त हो, आपके साथ बहुत मज़ा आ रहा है।

नाज़नीन- मुझे भी बहुत मज़ा मिला रहा है, मेरे शौहर तो बस कपड़े उतारते और अपना लन्ड मेरी चूत में डाल देते थे।

तुमने तो मुझे अलग ही मज़ा दिया। अब तो एक बार फिर तेरा लन्ड अपनी चूत में लेना है।

मैं-हाँ आपा ,अब आप देखना कैसे आपकी चूत को जन्नत की सैर कराता हूँ।

हम कुछ देर ऐसे ही बात करते रहे, मैं नाज़नीन के बूब्स दबा रहा था और वो मेरा लन्ड सहला रही थी। मेरे लंड में तनाव आने लगा। मैंने अपने होंठ नाज़नीन के चुचियों पर रख दिए।

मैं नाज़नीन की चुचियाँ चूसने लगा और उसकी चूत रगड़ने लगा। नाज़नीन भी फिर गर्म होने लगी।

मैं- आपा मैं आज आपकी ऐसी चुदाई करूँगा की आप हमेशा याद रखोगी।

नाज़नीन – नीरू तूने तो मुझे पहले ही बहुत मज़ा दिला दिया। अब और मज़ा दिला दे। मेरी चूत की प्यास बुझा दे।

मैं फिर उसकी नाभी को चूमने लगा। नाज़नीन की मादक सिसकियां निकल रही थी। उसकी चूत तो पहले ही गीली हो चुकी थी। मेरा लन्ड भी टनाटन हो गया था।

मैं अब अपना लन्ड उसकी चूत में डालना चाह रहा था ताकि उसकी चूत को अलग अलग मुद्रा में चोद सकूँ। कई बार ज्यादा फॉरप्ले करने के बाद लन्ड चूत में डालने के बाद जल्दी झड़ जाता है।

मैं – आपा अब मैं आपके चूत में लन्ड डाल रहा हूँ।

नाज़नीन – अरे जल्दी डाल मैं तो कबसे इंतजार कर रही हूँ।

मैंने नाज़नीन की टाँगे ऊपर उठाई और अपना लन्ड उसकी चूत के दरवाजे पर टिकाया। फिर एक झटके से पूरा लन्ड चूत में उतार दिया।

नाज़नीन – अरे मार डाला एक बार मे ही पूरा उतार दिया कमीने।

मैं- अरे आपा तुझे मज़ा नहीं चाहिए। अभी तू देखती जा।

फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया। मैं धीरे धीरे धक्का लगा रहा था ताकि नाज़नीन जल्दी ना झड़े। मैंने अपने हाथों से उसकी टाँगे उठा रखी थी।

नाज़नीन- आह नीरू बहुत मज़ा आ रहा है, मन कर रहा है बस तू मुझे ऐसे ही चोदता रहे।

मैं- आपा तेरी चूत अभी भी कमसिन लड़की की तरह टाइट है।

नाज़नीन- इतने समय से चुदी नहीं थी ना।

मैं- आपा अपने बूब्स मसलो ना।

नाज़नीन अपने बूब्स मसलने लगी।

लगभग पाँच मिनट तक मैं ऐसे ही धक्के लगाता रहा।

फिर मैंने नाज़नीन को डॉगी पोजीशन में किया, ये मेरी सबसे पसंदीदा पोजीशन है।

फिर मैंने उसकी चूत में लन्ड पेल दिया और धक्के लगाने , बीच बीच में मैं उसकी गांड में उंगली कर देता और उसकी चीख निकलती, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

नाज़नीन – कितना मज़ा आ रहा , मेरी चूत में दर्द हो रहा पर मज़ा भी बहुत आ रहा ,चोद मुझे ,फाड़ दे मेरी चूत ,नीरू ।

मैं- आपा तेरी चूत तो मेरे लन्ड को झकड़ रही है , आज तेरी चूत की सारी प्यास बुझा दूँगा।

फिर ऐसे ही कुछ देर चलता रहा। फिर मैंने नाज़नीन को बोला- आपा अब मैं नीचे आता हूँ तू मेरे लन्ड की सवारी कर।

अब मैं बिस्तर पर लेट गया, नाज़नीन मेरे लन्ड पर बैठ गई लन्ड उसके अंदर तक चला गया। अब नाज़नीन अपने कूल्हे ऊपर नीचे करने लगी, मैंने उसकी कमर पकड़ ली।

जब वो ऊपर नीचे हो रही थी, उसके बूबस भी उछल रहे थे। मस्त माल लग रही थी नाज़नीन।

अब वो जोर जोर से उछलने लगी, अब चुदाई पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं था। मुझे लगा अब ये झड़ने वाली है तो मैं भी अपने कूल्हे ताल से ताल मिलाकर ऊपर नीचे करने लगा।

मैं- आपा तुझे मज़ा आ रहा है ?

नाज़नीन- हाँ नीरू बहुत मज़ा आ रहा है, जैसे मैं जनत में हूँ,

तेरा लन्ड बहुत मस्त है। आह आह आह

मैं- आपा तू भी बहुत मस्त है। तेरे बूब्स कितने मस्त लग रहे हैं।

आपा- मुझे हो रहा है ओह नीरू मैं पागल हो रही हूँ, मैं झड़ने वाली हूँ।

मैं- हाँ आपा मैं भी झड़ने वाला हूँ जोर जोर से उछल ,जोर जोर से ।

आपा- ओह ओह आह , मैं झड़ गई।

मैं- आह हाँ मैं भी झड़ गया तेरी चूत में।

आपा मेरे ऊपर लेट गई, मेरा लन्ड अभी भी उसकी चूत में था।

दोनों का कामरस उसकी चूत से टपक कर चादर पर अपने निशान छोड़ रहा था। कमरे में हम दोनों की साँसे गूँज रही थी। नाज़नीन का सर मेरी छाती पर था।

नाज़नीन- आज बहुत मज़ा आया ।

मैं- मुझे भी आपा।

फिर कुछ देर बाद मैंने कपड़े पहने और होटल के लिए निकल गया।

दोस्तों ये कहानी कैसे लगी ज़रूर बताएं।

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