Bur Ki ChudaiDesi LadkiHot girlOral SexReal Sex StorySex With GirlfriendTeenage Girl

गर्लफ्रेंड एक बाद उसकी सहेली को भी पेला

Xxx GF फ्रेंड सेक्स कहानी में मैं एक लड़की को पसंद करता था. वह भी मुझे पसंद करती थी पर मैं उसे बोल नहीं सका. एक बार मौक़ा मिला, हमने दिल की बात की.

मैं पहली बार अपनी हॉट सेक्स स्टोरी लिख रहा हूँ, कोई ग़लती दिख जाए, तो प्लीज माफ कर दीजिएगा.

यह Xxx GF फ्रेंड सेक्स कहानी दो साल पहले की है, जब मैं 19 साल का था.
मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी; उसका नाम अंजू था.
वह भी 19 साल की थी.
हम दोनों क्लासमेट थे.

अंजू बेहद हसीन लड़की थी. उसके फिगर की बात क्या ही करूं … जब भी वह सामने आती थी, तो मन करता था कि इसे अभी ही पकड़ कर चोद दूँ.
हम दोनों में साथ पढ़ने के कारण दोस्ती थी.

मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड नहीं कह सकता हूँ क्योंकि उसने मेरे साथ गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड जैसे रिश्ते नहीं बनाए थे.
बारहवीं के बाद अंजू कोटा चली गई और मैं दिल्ली आ गया.

उसने मुझे कभी नहीं बताया था कि वह मुझे पसंद करती थी.
यदि उसने मुझे जरा सा भी इशारा किया होता तो शायद हमारे बीच अब तक तो न जाने क्या कुछ हो जाता.

फिर भी किसी तरह पता चला कि वह मुझे पसंद करती थी तो उस दिन मैं फूट फूट कर रोया.

मैं उससे बात करने के लिए तड़फ उठा.
मगर कैसे बात होती मेरे पास मोबाइल ही नहीं था.
उसका नंबर आदि भी नहीं था.

इधर दिल्ली में मेरे एक दोस्त के भाई की शादी थी और मैं दिल्ली में रहकर पढ़ भी रहा था.
उस शादी में सब दोस्तों के साथ मिलना हुआ.

वहीं पर अंजू भी मिली.
उससे मेरी बात हुई.

सभी दोस्त एक साथ थे तो मेरी उससे बस हैलो हाय हुई और क्या क्या कर रहे हैं, यही सब सामान्य सी बातें हुईं.
दोस्तों की भीड़ में मैं उससे ज्यादा कुछ कह ही न सका, बस उसकी आंखों को पढ़ने की कोशिश करता रहा था.

उसने आंखें मिलते ही मुँह फेर लिया था.
पता नहीं वह क्या चाहती थी, मुझे समझ ही नहीं आ रहा था.

शादी के दौरान ही अंजू की मम्मी का फोन आया कि अचानक से अंजू की आंटी की तबीयत खराब हो गई.
उसकी ये आंटी दिल्ली में रहती हैं.

अंजू की मम्मी ने फोन पर उससे कहा कि उनको देखने जाना संभव हो, तो जरा जाकर देख आ कि उन्हें क्या प्राब्लम हुई है!
तो अंजू ने दोस्तों से हेल्प माँगी.

मैं चूंकि दिल्ली में ही रह रहा था तो सबसे पहले मैं ही उसके पास गया.
उस वक्त उसकी एक सहेली भी उसके साथ में खड़ी हुई थी.

उस समय पहली बार मैंने देखा कि उसकी सहेली के चेहरे पर कुछ अलग सी मुस्कान थी.

अंजू मेरे साथ आंटी को देखने जाने लगी.

तो उसी समय सहेली ने धीरे से उससे बोला- बीएफ के साथ जा रही हो, तो शर्मा क्यों रही हो?
उसने उस सहेली के कमेंट को अनसुना कर दिया.

कुछ आगे आने के बाद मैंने पूछा तो मुझे पता चला कि हां वह मुझे प्यार करती है.

मैं कुछ नहीं बोला, उसे लेकर सीधा हॉस्पिटल आ गया.

उस वक्त काफी रात हो गई थी तो हॉस्पिटल में अन्दर जाने नहीं दिया गया.
उधर हम दोनों को रेस्ट एरिया में रुकने को कहा गया.

हम दोनों बैठ गए और बात करने लगे.
उसी वक्त मुझे ठंड लगी तो चाय पीने का मन हुआ.
मन तो उसका भी था क्योंकि ठंड तो उसे भी लग रही थी.

हम दोनों ने चाय ली और कार में आकर बैठ गए.
मैंने कार का ब्लोअर चला लिया.

इधर मैंने रोमांटिक बात को छेड़ने की जगह एक रोमांटिक गाना चला दिया.

वह भी कुछ कहना चाहती थी पर वह अपनी तरफ से शुरू नहीं करना चाहती थी.

फिर अचानक से पता नहीं उसे क्या हुआ कि जैसे ही चाय खत्म हुई, वह मुझे किस करने लगी.

मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आया कि अचानक से मेरे ऊपर सोने की अशर्फियां क्यों गिरने लगीं.
जैसे ही मुझे माजरा समझ में आया, तो मैं भी लग गया.
हम दोनों ने पांच मिनट तक किस किया.

लिपकिस में उसका जोर ज्यादा था और मैं अपनी तरफ से सिर्फ उसके होंठों का मजा ले रहा था.
वह एक पल को अपने होंठ हटाती हुई बोली- तुम भी तो साथ दो!

मैं कुछ सोच ही नहीं पा रहा था कि अचानक से ये पता नहीं क्या हो गया है.
फिर मैंने किस उसे किया और तेज़ी से उसके बूब्स दबाए, कपड़ों के ऊपर से चूत में उंगली की.

वह एकदम से गर्मा गई और उसने रात के अंधकार का लाभ लेते हुए मेरे पैंट की चैन खोल दी.
मैंने भी उसकी भावनाओं को समझा और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल दिया.

उसने अगले ही पल मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
कुछ ही देर में वह मेरा पूरा का पूरा मोटा लंड अपने मुँह में लेने लगी.

मेरा लंड इतना मोटा है कि जिसकी नई नकोर चूत में घुस जाए, तो वह एक हफ्ते तक लंड का दर्द याद करेगी.
जैसे ही लंड उसकी चूत को चोदने के लिए तैयार हुआ, मेरा फोन बजने लगा.

मेरे दोस्त का फोन आया था.
मुझे वापस जाना पड़ा.

उस वक्त तक सुबह के चार बज गए थे.
मैंने सोचा कि अब तो यह सैट हो ही गई है, इसकी चुदाई का मजा बाद में तसल्ली से ले लिया जाएगा.

मेरा मन जाने का तो नहीं था, फिर भी उधर की लोकेशन को ध्यान में रख कर यह तय किया कि चुदाई समारोह बाद में ढंग की जगह पर किया जाए.

मैंने उसके साथ सेल्फ़ी फोटो लिए.
याद के लिए अधनंगे नंगे फ़ोटो भी लिए.
बाद में कोटा में मिलने का प्लान बनाया.

एक महीने बाद मेरा पेपर कोटा में था तो मुझे वहां जाना था.
मैंने उससे मिलने का प्रोग्राम सैट किया.

मैं ट्रेन से कोटा गया, वह मुझे अपनी स्कूटी से लेने आई.
मैंने स्कूटी के आगे वाले खाली स्थान में बैग रख दिया और उसकी कमर को पकड़ कर उसके पीछे बैठ गया.

उसने सुनसान सड़क पर स्कूटी दौड़ा दी.
मेरा हाथ बार बार उसकी कमर से सरक कर उसकी टांगों के जोड़ को सहलाते हुए चूत को मसलने की कोशिश करते, तो वह हंसकर आह उधर नहीं कर ना … गुदगुदी होती है.
मैं चूत से हाथ हटा कर उसके बूब्स पर रख देता और चूचियां मसल कर उसे गर्म करता रहा.

वह कह रही थी- अभी रुक जाओ, मैं रूम पर तुम्हें सब कुछ दे दूँगी.
मगर रुकने का मन ही नहीं था.

फिर उसके रूम पर पहुंच कर जैसे ही उसने स्कूटी को पार्क किया और हम दोनों कमरे के अन्दर गए.
उसने बहुत तेज़ी से अपना कार्यक्रम शुरू कर दिया.
हम दोनों कब नंगे हो गए कुछ पता ही न चला.

उसके बिस्तर पर हम दोनों ने अपनी पहली चुदाई का खेल शुरू कर दिया.
कसी हुई सीलपैक चूत कब खून से सराबोर हुई और कब उसकी दर्द से भरी चीखें मजे लेती हुई आंहों में बदल गईं, कुछ होश ही न रहा और पता ही नहीं चला.

ये सब हुआ ऐसे कि जैसे ही मैंने अपना लंड उसके सामने लहराया, वह अपने मुँह में लंड लेने लगी.
मैंने मना किया और कहा- मुँह में बहुत ले लिया, अब चूत की बारी है.

फिर जैसे ही उसकी चूत पर लंड रख कर अन्दर पेलने के लिए धक्का मारा.
उसकी चीख निकल गई.
वह मना करने लगी.

मैंने ध्यान नहीं दिया.

लंड चूत में फंसाने के बाद मैंने एक तेज धक्का मारा, तो मेरा आधा लंड चूत के अन्दर घुसता चला गया.

वह चीखी तो मैं एक पल के लिए रुक गया.

कुछ देर बाद मैंने फिर से धक्का मारा तो इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के चिथड़े उड़ाता हुआ अन्दर जड़ तक घुस गया.

खून की धार बह निकली.
मैं पुन: कुछ पल के लिए रुक गया.

उसने दर्द से निजात पाते हुए मरी सी आवाज में कहा- मार ही डालोगे क्या … आराम से करो ना … कहीं भागी नहीं जा रही हूँ!

लेकिन मैंने उसकी धकापेल चुदाई शुरू कर दी.

मैं जब से कमरे में आया था, तब से लेकर रात भर में मैंने कई बार उसकी चूत चोदी.
चूत फूल कर कचौड़ी हो गई थी.

सुबह जब मुझे पेपर देने जाना था, तब वह बुखार में पड़ी थी.
मैं खुद को लानत मलानत देता हुआ पेपर देने चला गया.

जब वापिस आया तो दवा लेकर आया.
उसकी हालत भी कुछ ठीक हो गई थी लेकिन दिल से वह अभी भी चुदने को रेडी थी.

मैंने फिर से उसकी चूत चोदी और उसकी चूची दबा दबा कर डबल साइज़ की कर दीं.

उसको जीभर के चोदने के बाद मैं वापस दिल्ली चला आया.
दिल्ली पहुंच कर उसे कॉल किया, तो वह अपनी चूत दिखा रही थी कि देखो कितनी सूज गई है, चल भी नहीं पा रही हूँ.

मैं क्या कर सकता था. बस किसी तरह से उसे शांत किया.
अब हम दोनों के बीच ऐसा ही चलता रहा. जब भी कभी उससे मिलना होता तो ताबड़तोड़ चुदाई होती.

एक बार तो मैं रूम पर सो रहा था, अचानक से वह दिल्ली आकर मेरे रूम पर आ गई.
मैं हैरान था.

हम दोनों चिपक गए.
वह बोली- प्यास बुझवाने आई हूँ.
और वह अपने कपड़े उतारने लगी.

मैं भी शुरू हो गया.

मैंने सीधा उसकी चूत में लंड डाला.
उसे दर्द हुआ क्योंकि काफ़ी दिन के बाद चुदाई हो रही थी.

हमारी धमाकेदार चुदाई चालू हो गई.
चूत चोदते हुए ही मेरा मन उसकी गांड मारने का हो गया.

मैंने उसे पलटा दिया और कहा- आज गांड भी चाहिए.
उसने मना कर दिया.

मैंने जिद की तो वह कहने लगी- एक शर्त पर दूँगी.
तब मैंने उसकी शर्त जाननी चाही.

उसने बताया कि उसकी एक पक्की सहेली है हनीफा, उसकी शादी हो गई है. लेकिन उसका शौहर बाहर दुबई में काम करता है. तुमको उसकी प्यास बुझाना होगी.
मैंने मना कर दिया.

वह कहने लगी- वह मेरी सबसे पक्की सहेली है. इसी लिए मैं तुम्हें उसे चोदने की कह रही हूँ. उसके पास पैसा भी बहुत है … और वह देगी भी!
बहुत देर बाद मैं राजी हो गया.

उसने अपनी सहेली से फोन पर बात की और उसे चोदने की बात तय हुई.
मुझे चार दिन तक उसकी चुदाई करनी थी.

मैंने कहा- ठीक है, कल से चुदाई शुरू हो जाएगी. बुला लो यहीं.
वह बोली- इधर नहीं, तुम्हें उसके घर जाना होगा.
मैंने कहा- तुमको साथ में चलना पड़ेगा.

वह भी साथ में चलने को राजी हो गई थी.
मैं उसकी सहेली के घर पहुंच गया.

मेरी जीएफ ने मुझे अपनी सहेली हनीफा के पास धकेलते हुए कहा- ले छमिया, जी ले अपनी जिंदगी … मैं चार दिन बाद अपने शेरू को वापस लेने आऊंगी.

हनीफा ने मेरी गिरहबान पकड़ी और मुझे अपनी तरफ खींच कर मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए.
मैं किसी पालतू कुत्ते की तरह उसके होंठों को चूमने चूसने लगा.

जब हम दोनों अन्दर आए तो हनीफा ने अपनी ड्रेस उतार दी और मेरे सामने आदमजात नंगी हो गई.
आह कमाल का फिगर था.

उसके शौहर ने उसकी चूत और चूचियों के साथ अब तक खेला ही नहीं था.
वह तो शादी होने बाद पहले ही दिन विदेश चला गया था.

मैंने हनीफा के चूचे दबा कर चैक किए, तो एकदम रसीले आम से थे.

हनीफा तो मेरी जीएफ अंजू से भी ज्यादा हॉट माल थी.
हनीफा के साथ 4 दिन का सिलसिला शुरू हुआ.

मैंने कहा- चार दिन तुमको बिना कपड़ों के रहना होगा.
उसने कहा- मैं घर के अन्दर अक्सर बिना कपड़ों के ही रहती हूँ. अपनी चूत में उंगली किया करती हूँ और चूत को शांत करने के लिए वाइब्रेटर का इस्तेमाल करती हूँ.

यह सब कहते हुए हनीफा रोने लगी.
मैंने उसे किस किया और कुछ नहीं कहते हुए सीधे उसे चोदना शुरू कर दिया.

मेरे मोटे लंड को लेते ही वह रोने लगी और तड़फने लगी.
उसने मुझसे रुकने के लिए मना किया मगर मैं रुका ही नहीं, हनीफा की चूत चोदने में लगा रहा.

मुझे हनीफा को चोदने में बहुत मजा जो आ रहा था.
जब आधा घंटा तक ताबड़तोड़ चोदने के बाद मेरा काम तमाम होने को हुआ, तो मैंने उससे वीर्य का पूछा.

उसने टांगें हवा में उठाते हुए कहा- डाल दो चूत में सब माल … और ठंडी कर दो मेरी चूत को.
मैंने उसकी चूत में अपने लंड के बीज बो दिया.

चुदाई के बाद मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था.
मैं हैरान था कि यह अभी तक कुंवारी कैसे रही.

उसने मेरे साथ बात करना शुरू की और बताया कि आज उसकी पहली बार चुदाई हो रही है.
मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा शौहर विदेश कब गया?
उसने बताया- मेरी शादी दस दिन पहले ही हुई थी और मेरे शौहर के दुबई जाते ही मैं अपनी जॉब पर आ गई थी और उसी वक्त अंजू ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया था कि तुम बहुत बुरी तरह से उसे चोदते हो. बस मैंने अंजू से तुम्हारे लिए बात पक्की कर ली.

मैं अंजू और हनीफा को चोद कर खुश था कि मैंने अब तक दो कुंवारी चूतों को चोद कर उन्हें औरत बना दिया है.

हनीफा के साथ दो बार चुदाई के बाद हम दोनों सो गए.
फिर हनीफा शाम को उठी, तो वह मेरे लंड को चूसने लगी थी.

मेरी नींद खुली तो मैंने कहा- मुझे भूख लगी है.
वह कुछ खाने का लाने को उठी.

मैंने कहा- दूध पीना है.
उसने कहा- सिर्फ दूध क्यों पीना है, मेरा सब कुछ तुम्हारा ही तो है!
हम दोनों हंस पड़े.

तभी मैंने अचानक से उसकी चूची दबाई, तो वह फिर से चुदने के लिए नंगी हो गई.
चुदाई के बाद हम दोनों का नहाने का मन हुआ.
वह गांड मटकाती हुई उठी.

मैंने उसकी गांड को देखा तो मन किया कि इसे अभी यहीं पटक कर गांड चोद दूँ.

नहाने के बाद मैं उसकी गांड पर बार बार हाथ फेर रहा था तो उसने कहा कि यह खाना खाने के बाद मिलेगी.
मैंने भी कहा- ठीक है.
हम दोनों ने खाना खाया, आइसक्रीम खाई और बाहर लॉन में बैठ कर पॉर्न देखने लगे.

उसमें एक पोज बड़ा पसंद आया.
मैं उसे उठा कर कमरे में ले गया और उसे उसी पोज में चोदने लगा.

इस बार मैंने कुछ ज्यादा ही खतरनाक तरीके से उसकी चूत को चोदा था, जिस वजह से वह रोने लगी.

मैंने पूछा- क्या हुआ बेबी?
वह बोली कि आज तो ठीक है, पर 4 दिन बाद मेरा क्या होगा?

मैंने कहा- जब मन हो तो बुला लेना … पैसे की कोई बात नहीं है.

उसने मुझे किस किया और वह मेरी गोद में आकर बैठ कर चुदवाने लगी.
वह मेरे सीने से छाती रगड़ कर लंड ले रही थी.

सच में चुदाई का ऐसा मज़ा तो मुझे आज तक अंजू से भी नहीं मिला था.
हनीफा इतनी हॉट भी थी कि मन ही नहीं भर रहा था.

मैंने दूसरे राउंड में उसकी गांड मारी.
वह रोना चाहती थी लेकिन रोई नहीं क्योंकि उसे भी पूरा मज़ा चाहिए था.

ऐसे ही चार दिन तक हद से आगे जाकर चुदाई का खेला चला; Xxx GF फ्रेंड सेक्स का मजा लिया.
उसके लॉन में, बेडरूम में, बाथरूम में, ऐसी कोई जगह नहीं बची, जिधर लंड चूत का मिलन न हुआ हो.

आज भी जब वह बुलाती है, मैं जाता हूँ.
वह मुझे अपना शौहर ही मानने लगी है.

एक दिन वह बोली- किसी तरह एक बार मैं अपने कानूनी शौहर से एक बार चुदाई करवा लूँ, फिर औलाद के लिए मैं तुम्हारे लंड से ही चुदूँगी.
मैंने कहा- उसमें अपने कानूनी शौहर चुदने की क्या जरूरत है. बस उससे कह दो कि मैं आईवीएफ से बच्चा ले रही हूँ और मेरे साथ सेक्स करके प्रेग्नेंट हो जाओ.

उसे मेरी बात पसंद आ गई और उसने अपने शौहर से इस बारे में बात करके उसे राजी कर लिया.
आज उसके पास मेरा बच्चा है. वह भी खुश और मैं भी खुश.

मेरा अब जब भी मन होता, मैं अपनी जीएफ के साथ उसके घर चला जाता और उन दोनों को एक साथ एक ही बिस्तर पर चोद लेता हूँ.

तो दोस्तो, ऐसी थी हमारी चुदाई की कहानी. आपको कैसी लगी Xxx GF फ्रेंड सेक्स कहानी, प्लीज बताएं.
मैंने हनीफा की भाभी को भी चोदा था, वह अगली कहानी में लिखूँगा.
[email protected]

https://s.magsrv.com/splash.php?idzone=5160226

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button