Hindi Sex StoriesUncategorized

Pehli Chudai Ke Baad Guddi Bani Meri Deewani

काफी लंबे अरसे के बाद फिर से कहानी लिख रहा हूँ।

मेरी पहली कहानी “कजन सिस्टर गुड्डी की चुदाई” में आप लोगो ने मेरी और गुड्डी की पहली चुदाई की कहानी पढ़ी, आप सभी को वो कहानी पसंद आई इस लिए सभी का धन्यवाद करता हूँ।

अब में उसी घटना के बाद मेरी और गुड्डी के बीच जो चुदाई की रासलीला चली उसके बारे में आज मैं आप सब बताने जा रहा हूँ।

गुड्डी की मेरे घर मे छत पे हुवी चुदाई में गुड्डी को बहुत ही मजा आया और हम दोनों को एक दूसरे की सेक्स की भूख मिटाने के लिए एक लंड-चूत की जोड़ी मिल गयी थी। मेरा लौड़ा गुड्डी की चूत का दीवाना हो गया, और गुड्डी की चूत मेरे लौड़े की आशिक हो गयी।

हम ने उसके बाद जब जब मौका मिलता, तभी हम दोनों चूत चुदाई का खेल शुरू कर देते थे।

अब पहली चुदाई के बाद गुड्डी गांव में 7 दिन रुकी, उन 7 दिन में मैने गुड्डी की टाइट और छोटी सी चूत को मैं चोद चोद कर चोडा कर दिया था। और फिर गुड्डी अपने शहर चली गयी, हम अपने अपने काम मे व्यस्त हो गए। मै भी पढ़ने के लिए होस्टल में चला गया।

फिर हम रोज एक दूसरे को कॉल करते और अपनी चुदाई के बारे में बाते किया करते। ऐसे ही चार महीने बीत गए, गुड्डी ने एक दिन मुझे कॉल किया और बताया कि मुझे चुदाई की बहुत इच्छा हो रही है। पहले तो चल जाता था।

किंतु जब से तुमसे चूदी हूँ ,अब चुदाई की भूख बढ़ गई है। और अब मैं किसी और से चुदु या किसी को मिलने जाऊ तो घरवालों को शक हो सकता है। इससे अच्छा है कि हम भाई-बहन एक दूसरे की जरूरत को समझ के चुदाई करते रहे। और किसी को शक भी नही होगा। तो क्या तुम मुझे चोदने आ सकते हो, मुझे भी गुड्डी को चोदने की इच्छा हो रही थी।

Related Articles

तो एक दिन मौका देख कर मै तीन दिन के लिए गुड्डी के घर आचालक मेहमान बन कर चला गया। मौका यह था कि गुड्डी के घर वालो को दो दिन के लिए किसी आफिस के दोस्त के वहाँ किसी फंक्शन में जाना था। और गुड्डी के घर मे गुड्डी उसके मम्मी-पापा और उसका भाई कुल ये चार ही लोग रहते है।

गुड्डी का भाई खुद कार ड्राइव करता था। क्यो की गुड्डी के पापा को कार चलाने में रात को एवं लंबे सफर में दिक्कत होती थी। वैसे तो सभी को जाना था, किन्तु जिस दिन रात को जाना था उसी दिन मै उनके घर पहूँच गया दोपहर को।

तो फिर वो मुझे भी साथ ले जाने को बोले किन्तु मैने बोला आप जा कर आ जाओ में रुकूँगा अकेला यहाँ पर। फिर गुड्डी के पापा ने गुड्डी से कहा।

पापा – गुड्डी क्या तू रुकेगी यहाँ पर ?

गुड्डी – हाँ पापा मैंरुक जाती हूँ, वैसे भी पापा आपके आफिस के दोस्त के फंक्शन में मै अकेली बोर हो जाऊंगी।

ये कह कर गुड्डी मेरी और देख के थोड़ी मुस्कुराई, क्योकि उसे तो बहाना बना के रुकना था और अपनी चूत की मालिस जो करवानी थी मुझसे।

फिर रात को खाना खाने के बाद सब चले गए और में और गुड्डी ही अकेले रह गए घर पे रह गये।

जैसे ही वो लोग निकल गए हमने दरवाजा बंद किया और मैन गुड्डी को कमर में पकड़ के उठा लिया। और मैं उसे उठा कर सीधा बैडरूम में ले गया, वहन जाते ही गुड्डी बोली।

गुड्डी – बहुत चुदाई का मन हो रहा है क्या भाई ? आज मैं और मेरी चूत आपके लंड की सारी अकड़ मिटा देगी।

मैं – मैं भी तेरी चूत की सारी खुजली मिटा दूंगा, मेरी भोसडी वाली बहन।

गुड्डी – मेरे बहनचोद भाई, जल्दी करो अब और नही रहा जाता मुझसे।

फिर मैंने गुड्डी के सारे कपड़े जल्दी जल्दी उतार दिए, और खुद के भी सारे कपडे उतार दिए। फिर मैंने गुड्डी के बूब्स चूसने लग गया। गुड्डी आह अहह की मस्त सिसकारी भरने लगी।

गुड्डी – चूत चाट ममेरी जान।

ये सुनते ही मैने गुड्डी की चूत चाटनी शुरु कर दी। गुड्डी उच्छल पड़ी और जोर जोर से उन्हें भर्ती हुई सिसकियां लेने लगी और बोली।

गुड्डी – खा जा मेरी चूत को भोसड़ी के, अंदर तक चाट मेरी चूत को और पूरा माल पी ले ।

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए , और गुड्डी मेरे लौड़े को चाट रही थी। मैं और गुड्डी मचल रहे थे ,मेरा मूसल अब पूरा कड़क हो गया था।

फिर मैंने गुड्डी के पैर फैलाये और उसके पैर उठा के अपने कंधों पर टिका लिए और मैंने अपने लंड के सुपाडे को गुड्डी की चूत पर टिकाया और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी भोसड़ी में घुसा दिया। लंड अंदर जाते ही गुड्डी जोर से चिल्लाई और बोली।

गुड्डी -धीरे डाल ना बहनचोद, मुझे दर्द हो रहा है।

फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारना शुरु क्र दिया, मैंने गुड्डी की फुद्दी में से उसका रस निकलना शुरु कर दिया अपने लंड की मदद से। और उसकी चूत रसीली होनी शुरू हो गयी। औरअब उसकी चूत में से भचक भच की आवाजें आने लग गयी। गुड्डी को बड़ा माजा आ रहा था और वो मॉनिंग करते हुए बोल रही थी।

गुड्डी – अहह चोद मेरे राजा आह मार मेरी चूत को, आह अब जोर से घुसा लंड को। हाए माँ मै मर गयी, फ़क मी फाड मेरी चूत को बहन चोद चौड़ी कर दे और भोसड़ा बना दे इसका।

फिर 20 मिनट की चुदाई के बाद गुड्डी आह निकालने लगी भाई. भाई… भाई… भाई.. मे गीरी, भाई.. मेरी छूट पानी छोड़ रही है, तेरे लौड़े को भिगोने के लिए मै गई। और इसी के साथ उसकी चूत का पानी पानी निकल गया। और मैं भी अब तेज धक्के लगाने लगा। और मेरा लंड भी अब अकड़ने लग गया।

मैं – मै भी आया मेरी प्यारी सेक्सी चूत वाली बहन, मेरी गुड्डी में आ रहा हु तेरी चूत भरने कह के मेरा भी माल छूट गया।

मेरा पूरा वीर्य गुड्डी की चूत भर के बाहर भी टपक रहा था। और हम एक दूसरे की बाहों में थक के लेट गए। ऐसे ही दो दिन तक मैंने गुड्डी को चोदा, और फिर मैंने उसको गर्भवती ना हो इसलिए पिल खिला के मैं फिरअपने होस्टल चला आया।

तो दोस्तों ये थी, एक और गुड्डी और मेरी चूत चुदाई की कहानी, आप सब को ये कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे जरुर बतना।

https://s.magsrv.com/splash.php?idzone=5160226

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button