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मामी की चूत का भोसड़ा बना दिया

Xxx फैमिलीसेक्स की कहानी में मैंने अपने मामा की पत्नी को उन्हीं के घर में उनके बेड पर चोदा. मेरी मामी इतनी सेक्सी हैं कि देखते ही लंड का झटका लगना निश्चित है.

दोस्तो, मेरा नाम गौरव है.
गाज़ियाबाद का रहने वाला मैं एक 19 साल का युवा हूँ.
मैं काफ़ी हट्टा-कट्टा भी हूँ क्योंकि मैं एक स्पोर्ट्स पर्सन हूँ.

मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच है.
लड़कियों की जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि मेरे लंड का साइज़ काफी अच्छा है.
यह 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो किसी भाभी या लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफ़ी है.

दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है.
यह Xxx फैमिलीसेक्स की कहानी आज से 2 साल पहले उस वक्त की है जब मेरी 12 वीं क्लास का सेशन शुरू ही हुआ था.
उस दिन मैं स्कूल से वापस घर आया तो पापा फोन पर मामा जी से बात कर रहे थे.

पापा का फोन स्पीकर पर था तो सब सुनाई दे रहा था.
मामा जी ने बोला कि उनको अपने दोस्त की शादी में गुजरात जाना है और घर पर कोई देख-रेख के लिए नहीं है.

उस पर पापा ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मुझे भेज दे रहे हैं.

मेरे मामा की फैमिली में सिर्फ़ नाना नानी, मामा मामी और उनका एक बेटा ही है.
उनका बेटा अभी सिर्फ़ 2 साल का है और नाना जी की 2 साल से तबीयत ठीक नहीं है. वे लकवाग्रस्त हैं और बिस्तर पर पड़े रहते हैं.
नानी बहरी हैं तो उन्हें कुछ सुनाई देता है.

मामा से बात खत्म हो जाने के बाद मेरे पापा ने मुझसे कहा- जब तक तेरे मामा शादी से नहीं आ जाते, तब तक तू अपनी नानी के यहां चला जा!
तो मैंने हामी भर दी और स्कूल में अनुपस्थित रहने के लिए पापा ने प्रार्थना पत्र लिख दिया.

मैं अपनी तैयारी करके अगले दिन नानी के घर जा पहुंचा.

मैंने गेट बजाया तो मामी ने दरवाजा खोला.
मेरी मामी का नाम प्रीति है. उनकी उम्र 27 साल है.

मामी का फिगर 34-30-36 का है.
वे देखने में इतनी मारू लगती हैं कि अच्छे अच्छों का लंड एक झटके में खड़ा हो जाए.

आप खुद ही समझो कि उनकी 30 इंच की कमर पर 36 इंच की गांड जब मटकती होगी तो लौड़ों की तो वाट लगना तय ही है.

उस पर उनके तोप से तने हुए दूध … और वे भी उनके गहरे गले वाले कपड़ों में से आधे से ज्यादा झांक कर मर्दों को पुकारते कि आओ भाई आम चूस लो.

जैसे ही मैंने उन्हें दरवाजे पर देखा, मेरे लंड में हलचल मच गई और लंड एकदम से खड़ा हो गया.

पर मैंने मामी के पैर छुए और अन्दर आ गया.

मैं नाना नानी से भी मिला, पर मेरी नज़रें सिर्फ़ मामी के कयामत बरपाते हुस्न पर ही टिकी थीं.

मैंने ठान लिया था कि कैसे भी करके इनकी लेना है और इनको दम से चोदना है.

मैं नाना जी के पास बैठा था और उनसे बातें कर रहा था कि इतने में मामी ने मुझसे चाय नाश्ता के लिए आने को कहा.

तो मैं उठ कर सोफ़े पर बैठ गया और मामी ने झुक कर चाय नाश्ता टेबल पर सजा दिया.

उनकी चूचियों के दर्शन हुए तो लंड अपनी औकात दिखाने लगा.

मामी ने कनखियों से मेरे लौड़े को फूलता हुआ देख लिया था.
उन्होंने होंठों पर आती हुई मुस्कान को कुछ ऐसे छिपाया कि मैं देख ही न सका.

मामी मेरे बाजू में बैठ गईं और मुझसे बातें करने लगीं.
मैं भी उनसे बातें करने में बड़ा रस टपका रहा था.

कुछ देर बाद मामी ने कहा- तुम सफर से आये हो, थक गए होंगे … नहाना चाहो तो नहा लो और थोड़ा आराम कर लो.
मैंने उन्हें हां कहा और अपने सामान को उठा कर किसी कमरे में रखने की सोचने लगा.

तो मामी ने कहा- अपनी अटैची मेरे कमरे में रख दो. रात को भी तुम मेरे साथ ही सो जाना.

मैंने उनके मुँह से यह सुना कि रात में मेरे साथ ही सो जाना, तो कसम से ऐसा लगा जैसे मामी कह रही हों कि रात को मुझे चोद देना.

खैर … अपने सपनों पर काबू रखते हुए मैंने सामान मामी के कमरे में रखा और अटैची में से अपनी तौलिया और अंडरवियर निकाल कर बाथरूम में जाने लगा.

मामी ने मुझे अपने कमरे के बाथरूम में ही नहाने जाने के लिए कह दिया था.

मैं उनके बाथरूम में गया और तौलिया व अंडरवियर को खूंटी पर टांगने लगा.
उसी खूंटी पर मामी की ब्रा पैंटी भी टंगी थी.

पारदर्शी ब्रा पैंटी देख कर लंड हिनहिनाने लगा.
मैंने लौड़े को सहलाना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर में मैंने मामी की पैंटी को लंड पर लपेटा और मुठ मारनी शुरू कर दी.

लंड ने पानी छोड़ने का आभास दिया तो मैंने मामी की पैंटी को अलग किया और उसे सूंघते हुए माल झाड़ दिया.

उसके बाद मैं नहा कर कमरे में आ गया और एक घंटा तक सोकर आराम किया.

शाम को जब डिनर का समय हुआ तो मामी ने खाना खाने के लिए बुलाया और सभी का खाना हुआ.
अब सब सोने लगे.

मामी ने पहले ही कहा था कि मुझे उनके साथ उनके ही कमरे में सोना था.
तो मैंने उनकी तरफ देखा कि मुझे किधर सोना है.
उन्होंने कहा- तुम कमरे में जाकर सो जाओ.

तो मैं उनके बिस्तर पर जाकर लेट गया.

दिन में सो चुका था तो नींद नहीं आ रही थी; दिमाग में बस मामी का यौवन ही चल रहा था.

काफी देर तक मामी नहीं आईं तो मैं सो गया.

रात को मेरी आंख खुली तो मैंने देखा मामी मेरे बगल में सोई हुई हैं.
वे सिर्फ़ नाइटी में हैं. उन्हें ऐसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैंने सोचा कि क्यों ना मामी की कुछ पिक्स ली जाएं.
तो मैंने फोन निकाला और मामी की नाइटी में फ़ोटो लेने लगा.

फिर मैंने आहिस्ता से उनकी नाइटी के सामने के हुक खोले तो देखा कि मामी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
उनके गोरे गोरे दूध मुझे मदहोश करने लगे थे.

मैंने मामी के मम्मों की कुछ पिक्स ले लीं और एक बार उनकी नाइटी के गले का एक हिस्सा जरा सा उठा कर अन्दर देखा तो उनके दूध का भूरा निप्पल दिखाई दिया.

तब मैंने बहुत कोशिश की कि किसी तरह से उनकी नाइटी के अन्दर का जलवा भी मोबाईल में कैद हो जाए लेकिन यह संभव न हो सका.
नाइटी मामी के शरीर से दबी हुई थी.

कुछ देर बाद मैं उनके करीब होकर लेट गया.
फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और धीरे से उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.

मामी गहरी नींद में थीं तो उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई हलचल नहीं हो रही थी.
मैं उनके हाथ से लंड को हिलवाने लगा तो लंड कड़क होने लगा.

वासना ने मुझे संयम त्यागने पर मजबूर कर दिया और मामला गड़बड़ा गया.
मैंने उनका हाथ लंड पर कुछ जोर से दबा दिया और वे अचानक से हिलीं.

अब मामी की आंख खुल गई.
तो वो मेरा लंड देखकर सिहर गईं और कुछ तेज स्वर में बोलीं- ये तुम क्या कर रहे हो. तुम्हें शर्म नहीं आती. मैं तुम्हारी मामी हूँ और तुम मेरे साथ ये सब कर रहे हो!

मैं काफी घबरा गया था, मैं हकलाते हुए कहने लगा- अरे मामी सुनो तो, वो मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ और आपकी खूबसूरती को इतने नजदीक पाकर मुझसे रुका न गया. मैं आपको एक बार पाना चाहता हूँ, प्लीज़ मना मत करो.
ये सब मैंने न जाने किस झौंक में कह दिया.

मामी- तुम पागल हो गए हो. रुको मैं अभी तुम्हारे मामा को फोन करती हूँ.
अब मेरी गांड फट गई और मैंने उनके हाथ से उनका मोबाईल छुड़ा लिया.

मैं उनसे माफी मांगने लगा और कान पकड़ने लगा- मामी जी सॉरी मुझसे गलती हो गई है. प्लीज मुझे माफ कर दीजिए. आगे से ऐसी गलती दुबारा नहीं होगी. आप जो कहेंगी … मैं वो सब करूंगा. प्लीज आप मुझे माफ कर दीजिए.

मामी शांत हो गईं और एक पल बाद बोलीं- तुम देखने के ही पहलवान हो. बाकी तुम्हारे अन्दर तो चूहे से ज्यादा हिम्मत नहीं है!

उनकी ये बात सुनकर मैं उन्हें देखने लगा.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मामी जो कह रही हैं, उसका क्या मतलब है.

चूंकि गांड फटी हुई थी तो कुछ कह भी नहीं पा रहा था.

तभी मामी ने एक और धमाका किया.
वे कहने लगीं- बाथरूम में भी तुमने मेरी पैंटी के साथ गलत किया था.

अब मैं चौंक गया कि वो सब उन्होंने कैसे देख लिया.

तो मैंने उनसे पूछा- मामी, वो सब आपने …
मैंने आधी बात कही और रुक गया.

मामी मुझे विजयी भाव से देख रही थीं.

तभी मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ कि मामी मुझे नंगा देखने की कोशिश कर रही थीं, तभी उन्हें अन्दर का नजारा दिख गया था.

अब मैंने हिम्मत की और उनकी एक चूची को जोर से दबाते हुए कहा- चूहा नहीं हूँ मैं … आपके लिए सांड भी बन सकता हूँ.
वे हंसने लगीं और कहने लगीं कि बड़ी जल्दी समझ गए.

अब हम दोनों में चुंबन होने लगा.
फिर मामी कहने लगीं- गौरव, मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर सकती. मैं सेक्स छोड़कर बाकी सब करने के लिए तैयार हूँ.

मैंने कहा- ये क्या बात हुई. लंड देखने के बाद भी लेने का दिल नहीं कर रहा है आपका … ऐसा क्यों?
वे कुछ नहीं बोलीं.

मैंने कहा- ठीक है. यदि प्यार करते समय चुदने का मन हो जाए तो चूत में लंड ले लेना.
ये कह कर मैंने उनकी नाइटी निकाल दी और उन्हें किस करने लगा.

वे भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.
मैंने उनके हाथ में लंड फिर से दे दिया और उनके बूब्स पीने लगा.

मामी के मम्मों में अब भी काफ़ी दूध आता था.
मैंने दूध पिया तो उनसे पूछा- क्या अभी भी आपका बेबी दूध पीता है?

वे बोलीं- नहीं अब ज्यादा नहीं पीता है. कभी कभी ही मचल जाता है तब पी लेता है.
मैंने कहा- आज मैं भी मचल गया हूँ. मैं पी सकता हूँ न!

मामी ने मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाया और दूध चुसवाने लगीं.

साथ ही मामी मेरा लंड हिलाए जा रही थीं.

मामी लौड़े को सहलाती हुई कहने लगीं- गौरव, तुम्हारा तो काफ़ी बड़ा है और काफ़ी मोटा भी है. ऐसा खाया है तुमने … जो ये झड़ने का नाम नहीं ले रहा है.

मैंने कहा- इसे मुँह में लेकर चूसो.
मामी- मैंने कभी मुँह में नहीं लिया, मुझे घिन आती है.

मैं- आज ले लो … मज़ा आएगा.
मेरे यह कहते ही मैंने लंड उनके होंठों पर रख दिया और वो जीभ से टोपे को चाटने लगीं और मुँह में फिर से लेकर चूसने लगीं.

मैंने उन्हें 69 में किया और उनकी चूत चाटने लगा.

मामी- उओ आहह सस्शह … यह क्या कर रहे हो … आह मज़ा आ रहा है … गौरव प्लीज़ अच्छे से चाटो आज पहली बार किसी ने ऐसा किया है.

यह सुनकर मैं रुक गया और मैंने कहा- अब मैं तभी चूत चाटूँगा, जब आप मुझे चुदने के लिए तैयार हो जाओगी!

मामी- साले, चूत तो चाट ही रहा है, अब लंड भी पेल दे भोसड़ी के … चोद दे जितना मन करे, उतना चोद ले … पर अभी चूत चाट मादरचोद.

तब मामी का एकदम से रूप बदल गया था; वे एक सड़क छाप रांड की भाषा बोलने लगी थीं.

मैं भी फिर से मामी की चूत चाटने लगा.
मामी मादक आवाजें निकालने लगीं- आजहह मज़ा आ गया … आहह आज से मैं तुम्हारी रांड बनकर रहूंगी … आहह जितना चाहो उतना चोद लेना.

कुछ देर बाद मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और लंड चूत पर सैट कर दिया.
मामी बोलीं- प्लीज गौरव बहुत आराम से डालना … तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.
मैंने कहा- अब काहे गांड फट रही है मेरी रानी!

यह कह कर मैंने एकदम से शॉट लगाया तो लंड 3 इंच अन्दर घुस गया.
मामी कलप कर बोलीं- आहह मां मर गई … बहुत मोटा है आह मैं नहीं ले पाऊंगी … निकालो … आहह प्लीज रुक जाओ आअहह निकालो मुझे नहीं चुदवाना.

मैंने उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और फिर से एक दमदार शॉट लगा दिया.

इस बार मैंने पूरा लौड़ा मामी की चूत के अन्दर घुसा दिया.
मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से जा टकराया.

मामी रोने लगीं और कराहती हुई बोलीं- आह … साले का कितना बड़ा है … मेरी जड़ तक घुसा दिया. आह मर गई. थोड़ा प्यार से चोद ना!
मैंने कहा- ओके मामी.

वे बोलीं- मामी नहीं, प्रीति बोल.
मैंने कहा- हां प्रीति मेरी जान. अब ये लो मेरे लंड का मजा देखो.

मैं धक्के लगाने लगा.
प्रीति- आहह … अया … मज़ा आ गया … तुमने तो आज मुझे अपना दीवाना बना लिया … आह चोदते रहो ऐसे ही … मज़ा आ रहा है. कहां छुपा कर रखा था इतना बड़ा लंड … आअहह आअहह ऊहह मांआ जरा आराम से कर ना.

मैं- प्रीति मेरी जान आज तेरी चूत फाड़ कर रख दूँगा … ये ले साली रांड.

प्रीति- आह फाड़ डाल माँ के लौड़े … आहह अपने बच्चे की मां बना दे साले मुझे … ऐसा लंड तो किस्मत वालियों को ही नसीब होता है आहह अह और तेज चोद … मज़ा आ गया.
इतना कहते कहते प्रीति मामी झड़ गईं.

वे कहने लगीं- अब रुक जाओ … मुझे दर्द हो रहा है प्लीज़ रुक जाओ … आआहह आआहह मांआ प्लीज़ नहीं करो.
मगर मैं अपने लंड को तेज तेज अन्दर बाहर करता गया और कुछ ही देर में मामी एक बार और झड़ गईं.

वे कहने लगीं- साले मेरी जान लोगे क्या … बस कर न … और कितना चोदोगे?
मैं- अभी तो शुरूआत है मेरी जान.

मामी- प्लीज़ अब बस करो, बहुत जलन हो रही है. तेरा लंड बहुत बड़ा है, चूत का भोसड़ा बना दिया. मैं हाथ जोड़ती हूँ, प्लीज अब मत चोदो.

मैंने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और अपने चरम पर पहुंचने लगा.

चरम पर आते समय मर्द की रफ्तार अत्यधिक तेज हो जाती है और उसे कुछ भी नहीं सूझता है.

मामी तड़फ कर कहने लगीं- आअहह … धीरे करो प्लीज़ … तेरा बहुत मोटा है आहह प्लीज़ आराम से करो … गौरव मेरी फट गई है प्लीज़ रुक जाओ.

मैं बिना सुने चोदता रहा और वे रोती रहीं- आह तुम इंसान हो या जानवर … और कितना चोदोगे आअहह मांआ मर गई आहह.

मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- बस मैं झड़ने वाला हूँ … जल्दी बोलो कहां निकालूँ?
प्रीति मामी ने कहा- मेरी चूत में ही निकाल दो मुझे तुम्हारा बच्चा चाहिए … आअहह अन्दर ही निकल जाओ.

मैं अन्दर ही झड़ गया और प्रीति मामी को किस करने लगा.

फिर मैंने पूछा- कैसा लगा?
उन्होंने कहा- आज से पहले इतना मज़ा कभी नहीं आया, पर तुम थोड़ा धीरे किया करो प्लीज़.

फिर हम दोनों नंगे ही सो गए.
हमारा चुदाई का सिलसिला अब तक चल रहा है. मैं अगले पार्ट में बताऊंगा कि मैंने मामी की गांड कैसे मारी.

आपको Xxx फैमिलीसेक्स की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करें.
gj942661@ gmail.com

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